Donald Trump Attack: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक चुनावी रैली के दौरान गोली चलाई गई। ट्रंप की जान बाल-बाल बची क्योंकि गोली उनके कान को चीरते हुए निकल गई। इस घटना के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हंगामे के दौर शुरू हो गया है। पूरी दुनिया के देशों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका में राजनीतिक माहौल इस कदर विषाक्त हो गया है कि अब यहां राजनीतिक रैलियों में भी बंदूकें गूंजने लगी है। यहां की राजनीति भी अब गन कल्चर की चपेट में आ चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर हमला ऐसे समय में हुआ है, जबकि रविवार से रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन शुरू हो रहा है, जहां ट्रंप को औपचारिक रूप से पार्टी का राष्ट्रपति पद के लिए एक मात्र अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। हमले के बाद से रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों का जमावड़ा ट्रंप टॉवर पर लगने लगा।
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पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश
अमेरिका की राजनीति में हिंसा के इस नए अध्याय के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी दोनों ओर से एक-दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। ओहियो से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जे.डी. वेंस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आज की घटना कोई अलग-थलग घटना नहीं है। बाइडन के चुनावी अभियान का मुख्य आधार यह है कि ट्रंप एक सत्तावादी और फासीवादी हैं, जिन्हें हर कीमत पर रोका जाना चाहिए। इस तरह की बयानबाजी के कारण ही सीधे तौर पर राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की कोशिश की गई। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के लोगों का कहना है कि ट्रंप ने जिस तरह से बाइडन और उनके सलाहकारों के खिलाफ आक्रामक भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे राजनीतिक माहौल में गिरावट आई।
अमरीका के सबसे अलोकप्रिय उम्मीदवार
गौरतलब है कि अमरीका में 1980 के बाद से किसी भी चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति रह चुके
उम्मीदवारों की इतनी खराब रेटिंग नहीं देखी गई। सभी सर्वेक्षणों के अनुसार, अमरीका में ट्रंप और बाइडन दोनों की ही रेटिंग लगातार 50 फीसदी से कम चल रही है। बाइडन को जहां करीब 38 फीसदी लोग पंसद करते हैं, तो वहीं ट्रंप को पसंद करने वाले करीब 45 फीसदी हैं।
ट्रंप के पक्ष में नई लहर
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर चल रहे विमर्श पर गौर करें तो साफ है कि इसके बाद अमरीका में चुनावी अभियान पहले की तरह नहीं रहने वाला। ट्रंप पर हत्या के इस प्रयास के बाद उनके पक्ष में समर्थन की नई लहर देखी जा रही है। कई सुर्खियों में तो यहां तक कहा गया है कि ट्रंप ने चुनाव जीत लिया है, तो कई में कान से खून बहते ट्रंप को फाइटर की तरह मुठ्ठी भींचे दिखाते हुए कहा गया है कि ट्रंप की यह तस्वीर पूरे चुनावी अभियान की दिशा बदलने वाली है।
क्या ट्रंप को चुप कराने कोशिश
एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया है कि पहले उन्होंने ट्रंप को चुप कराने की कोशिश की, फिर जेल भेजना चाहा और अब उनकी जान लेने की कोशिश की। ट्रंप के प्रति इस सहानुभूति लहर का असर यह देखा जा रहा है कि ट्रंप पर इस जानलेवा हमले के बाद चुनावी रैली स्थल पर मारे गए और घायलों की मदद के लिए फंड जुटाने के लिए बनाए गए पेज – गो फंड मी- को को करीब आठ घंटे में ही एक लाख 70 हजार डॉलर की राशि मिल चुकी है।
गन कल्चर की चपेट में अमेरिकी राजनीति
दूसरी तरफ, ट्रंप पर इस हमले के लिए अमेरिका के गन कल्चर को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। पिछले 50 सालों में अमरीका में गन कल्चर की वजह से 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। शनिवार देर रात को भी अमेरिका के बर्मिंघम के एक नाइट क्लब में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा एक अन्य फायरिंग मामले में एक बच्चे समेत तीन लोगों की जान चली गई है। यहां हर दूसरे दिन कहीं ना कहीं फायरिंग की जाती है और कई लोगों की हत्या कर दी जाती है। सिर्फ आंकड़ों की बात करें, तो साल 2022 में अमेरिका में मास शूटिंग की कुल 647 घटनाएं दर्ज की गई थीं। यानि, हर महीने 53 फायरिंग, यानि हर दिन अमेरिका में दो जगहों पर मास शूटिंग की जाती है। यहां मास शूटिंग में पिछले साल करीब 45 हजार लोग मारे गये, जिनमें से 6,000 से ज्यादा बच्चे थे।