27.1 C
New Delhi
Sunday, September 8, 2024
spot_img
Homeपर्सनल फाइनेंसRules Changed: छोटी बचत योजनाओं में होंगे कई अहम बदलाव, जानिए कब...

Rules Changed: छोटी बचत योजनाओं में होंगे कई अहम बदलाव, जानिए कब से लागू हो रहा ये नियम

Rules Changed: सरकार डाकघर की छोटी बचत योजनाओं, जैसे कि पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और सुकन्या समृद्धि योजना में अहम बदलाव करने जा रही है।

Rules Changed: सरकार डाकघर की छोटी बचत योजनाओं, जैसे कि पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और सुकन्या समृद्धि योजना में अहम बदलाव करने जा रही है। ये बदलाव 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे और वित्त मंत्रालय ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पीपीएफ खाते पाए जाते हैं, तो ब्याज में कटौती की जाएगी। इसके अलावा, अगर कोई खाता अनियमित पाया जाता है, तो उसे आवश्यक अनुपालन प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी, अन्यथा वह खाता बंद किया जा सकता है।

सरकार ने इन बदलावों के लिए छह श्रेणियां निर्धारित की हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. अनियमित राष्ट्रीय बचत योजना खाते: ऐसे खाते जिनमें आवश्यक नियमों का पालन नहीं किया गया है।
  2. नाबालिग के नाम पर खोले गए पीपीएफ खाते: यदि खाता नाबालिग के नाम पर है, तो इसे सही ढंग से नियमित करना आवश्यक होगा।
  3. एक से अधिक पीपीएफ खाते: किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पीपीएफ खाते होने की स्थिति में उनके ब्याज पर प्रभाव पड़ेगा।
  4. अभिभावकों के अलावा दादा-दादी की ओर से खोले गए सुकन्या समृद्धि खाते: ऐसे मामलों में इन खातों का नियमितीकरण किया जाएगा।

इन नए नियमों का उद्देश्य छोटी बचत योजनाओं के तहत खातों को अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाना है। खाताधारकों को सलाह दी गई है कि वे अपने खातों की स्थिति की समीक्षा करें और यदि कोई खाता अनियमित है, तो समय पर आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करें।

पीपीएफ खाता

नए नियमों के तहत, यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) खाते हैं, तो ब्याज केवल प्राथमिक खाते पर ही मिलेगा, बशर्ते कि जमा राशि हर वर्ष के लिए लागू अधिकतम सीमा के भीतर हो। इस स्थिति में, दूसरे खाते की शेष राशि को पहले (प्राथमिक) खाते में मिला दिया जाएगा, और प्राथमिक खाते पर ही लागू ब्याज दर मिलती रहेगी।

इस प्रक्रिया में निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी:

  1. प्राथमिक खाता: वह खाता माना जाएगा जिसे निवेशक विलय के बाद जारी रखना चाहता है, चाहे वह डाकघर में हो या बैंक में।
  2. अधिकतम सीमा: प्राथमिक खाते में जमा राशि हर वर्ष के लिए लागू अधिकतम सीमा के भीतर होनी चाहिए।
  3. शेष राशि का विलय: दूसरे खाते की शेष राशि को प्राथमिक खाते में मिला दिया जाएगा, बशर्ते कि प्राथमिक खाता भी हर वर्ष लागू अधिकतम सीमा के भीतर रहे।
  4. शून्य ब्याज: यदि दूसरे खाते में अतिरिक्त शेष राशि (अगर कोई हो) है, तो उसे शून्य प्रतिशत ब्याज दर के साथ निवेशक को वापस कर दिया जाएगा।
  5. तीसरा खाता: यदि कोई तीसरा खाता भी पाया जाता है, तो उसे खोलने की तिथि से ही उस पर ब्याज शून्य हो जाएगा।

नाबालिग के नाम खाता

नए नियमों के तहत, बच्चों या नाबालिगों के नाम पर खोले गए अनियमित पीपीएफ खातों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं:

  1. बचत खाते की ब्याज दर: नाबालिगों के नाम पर खोले गए अनियमित पीपीएफ खातों पर, जब तक वे वयस्क नहीं हो जाते, तब तक उन्हें डाकघर बचत खाते की सामान्य ब्याज दर मिलेगी, जो वर्तमान में 4% है।
  2. वयस्क होने पर ब्याज दर: जब नाबालिग 18 वर्ष की उम्र पूरी कर लेगा (बालिग हो जाएगा), तभी उस खाते पर पीपीएफ की ब्याज दर लागू होगी। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1% सालाना ब्याज दर मिल रही है।

सुकन्या समृद्धि योजना

नए नियमों के अनुसार, दादा-दादी (जो कानूनी अभिभावक नहीं हैं) द्वारा खोले गए पीपीएफ या सुकन्या समृद्धि खातों के मामलों में, निम्नलिखित प्रावधान लागू होंगे:

  1. खाते की संरक्षकता का हस्तांतरण: इन खातों की संरक्षकता बच्चे के कानूनी अभिभावक को हस्तांतरित कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि अगर दादा-दादी ने बच्चे के नाम पर खाता खोला है, तो वह खाता अब कानूनी रूप से बच्चे के माता-पिता या कानूनी अभिभावक के अधिकार में आ जाएगा।
  2. अनियमित खाते का बंद होना: अगर एक ही परिवार में दो खाते खोले गए हैं, तो उनमें से एक को अनियमित माना जाएगा और उसे बंद कर दिया जाएगा। यह अनियमित खाता वह होगा जिसमें सालाना न्यूनतम राशि जमा नहीं की गई है।

राष्ट्रीय बचत खाता

नए नियमों के तहत, एनसीएस (नेशनल बचत स्कीम) से जुड़े तीन प्रकार के खातों के लिए ब्याज की दर और प्रबंधन के नियमों में बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव निम्नलिखित हैं:

  1. अप्रैल 1990 से पहले खोले गए दो खाते: इन खातों पर 0.20% डाकघर बचत खाता ब्याज अतिरिक्त जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि इन खातों को डाकघर बचत खाते की ब्याज दर पर 0.20% अतिरिक्त मिलेगा।
  2. अप्रैल 1990 के बाद खोले गए दो से अधिक खाते: इन खातों पर सामान्य ब्याज दर लागू होगी। ये खाते डाकघर बचत खाते की मौजूदा ब्याज दर के अनुसार ब्याज प्राप्त करेंगे।
  3. तीसरे खाते: यदि किसी व्यक्ति के पास तीसरा खाता है, तो उस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। इसके बजाय, खाते की मूल राशि वापस कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि तीसरे खाते के लिए जमा की गई राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और केवल मूल राशि ही वापस की जाएगी।

डाकघरों के लिए निर्देश

नए नियमों के तहत, सभी डाकघरों को निम्नलिखित उपाय करने होंगे:

  1. पैन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी: डाकघरों को खाताधारकों से उनकी पैन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी प्राप्त करनी होगी। यह जानकारी खातों के नियमितीकरण और अन्य प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक होगी।
  2. सिस्टम का अपडेट: डाकघरों को नियमितीकरण आवेदन जमा करने से पहले अपने सिस्टम को अपडेट करना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी आवश्यक जानकारी सही तरीके से दर्ज और प्रबंधित की जा सके।
  3. खाताधारकों को जानकारी देना: डाकघरों को खाताधारकों को इन बदलावों के बारे में सूचित करना होगा। यह जानकारी खाताधारकों को नए नियमों और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में अवगत कराएगी, ताकि वे सही तरीके से अपनी जानकारी प्रस्तुत कर सकें और खातों का नियमितीकरण करवा सकें।
RELATED ARTICLES
New Delhi
light rain
27.1 ° C
27.1 °
27.1 °
100 %
2.1kmh
100 %
Sun
30 °
Mon
38 °
Tue
36 °
Wed
36 °
Thu
31 °

Most Popular