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Earthquake: नेपाल-तिब्बत सीमा पर विनाशकारी भूकंप से तबाही, अब तक 95 लोगों की मौत, 130 घायल

Earthquake: नेपाल-तिब्बत सीमा पर आए एक विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 130 लोग घायल हुए हैं।

Earthquake: नेपाल-तिब्बत सीमा पर आए एक विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 130 लोग घायल हुए हैं। भूकंप के कारण भूस्खलन, इमारतों का ढहना और व्यापक नुकसान हुआ है। यह भूकंप नेपाल के तिब्बत सीमा क्षेत्र में विशेष रूप से प्रभावित हुआ है, जहां बहुत से ग्रामीण और पर्वतीय इलाकों में बुनियादी ढांचे की स्थिति कमजोर है, जिससे राहत कार्य में कठिनाई आ रही है। सरकारी और आपातकालीन सेवाएं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सड़क यातायात और इलेक्ट्रिसिटी की बहाली की कोशिशें तेज कर दी हैं।

95 लोगों की मौत, 130 घायल

चीन की सरकारी मीडिया ने एएफपी के माध्यम से बताया कि मंगलवार सुबह तिब्बत-नेपाल सीमा के पास 7.1 तीव्रता का भूकंप आने से कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई और 130 लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि मंगलवार दोपहर 3 बजे तक कुल 95 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 130 घायल हुए हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप सुबह 6.35 बजे आया और इसका केंद्र तिब्बत क्षेत्र में था, जो नेपाल के लोबुचे से लगभग 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है।

मलबे से बाहर निकाली जा रही लाशें

तिब्बत में भूकंप के बाद स्थिति बहुत ही विकट हो गई है। मलबे में से लाशें निकल रही हैं, और जो लोग भूकंप से बच निकले थे, वे अब भूख और अभाव का सामना कर रहे हैं। भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में हर जगह मातम पसरा हुआ है, और लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि पूरा इलाका मलबे में तब्दील हो गया। इसके चलते बहुत से लोग मारे गए और कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। जिन गांवों में लोग अभी भी फंसे हुए हैं, वहां तक चीन की सेना का पहुंचना कठिन हो रहा है। राहत और बचाव कार्यों की धीमी रफ्तार की वजह से लोग सांसत में हैं।

1000 से अधिक घरों को नुकसान

शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा कि 1,000 से अधिक घरों को अलग-अलग स्तर का नुकसान हुआ है। सरकारी प्रसारक CCTV ने कहा कि डिंगरी काउंटी और उसके आसपास के इलाकों में बहुत तेज़ झटके महसूस किए गए और भूकंप के केंद्र के पास कई इमारतें ढह गईं। सीसीटीवी ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को पूर्ण पैमाने पर खोज और बचाव प्रयासों, हताहतों की संख्या को यथासंभव न्यूनतम करने, प्रभावित निवासियों को उचित रूप से पुनर्स्थापित करने तथा सर्दियों में उनकी सुरक्षा और गर्मी सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

बिहार और उत्तर भारत के कई हिस्सों भूकंप

भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था, जिससे बिहार और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी कंपन हुआ। नेपाल में खुंबू ग्लेशियर के पास स्थित लोबुचे, काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और एवरेस्ट बेस कैंप के करीब है। चीनी सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के अनुसार, चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी ने भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की, जिसका केंद्र लगभग 4,200 मीटर (13,800 फीट) पर था।

2015 में गई थी 9000 लोगों की जान

विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल भूकंप के प्रति संवेदनशील है क्योंकि यह भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में है। पिछली बार नेपाल ने इतना शक्तिशाली भूकंप 25 अप्रैल, 2015 को आया था। जब 7.8 तीव्रता के भूकंप ने करीब 9,000 लोगों की जान ले ली थी। यह नेपाल के इतिहास में सबसे भयानक था। इस क्षेत्र में आने वाला पिछला सबसे घातक भूकंप 1934 में आया था, जिसमें 8,000 से अधिक मौतें हुई थीं।

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