Prashant Kishor: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया था। मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशांत किशोर लंबे समय से बिहार में शिक्षा और रोजगार सुधार के मुद्दों पर सक्रिय हैं। उनकी सेहत बिगड़ने के बावजूद, समर्थकों ने प्रदर्शन जारी रखा है। जन सुराज अभियान ने सरकार से उनकी मांगों पर विचार करने की अपील की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी टीम की ओर से एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें लिखा है कि दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे… जगह है कितनी जेल में तेरे, देख रहे हैं देखेंगे।
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एंबुलेंस से ले जाया गया अस्पताल
प्रशांत किशोर की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई, जब वह न्यायिक हिरासत से बाहर आकर पटना स्थित अपने आवास पर आराम कर रहे थे। इस दौरान उनकी स्वास्थ्य स्थिति में अचानक गिरावट आई, जिसके बाद मेदांता अस्पताल के डॉ. अजीत प्रधान अपनी टीम के साथ एंबुलेंस के जरिए उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
मेदांता अस्पताल में भर्ती
प्रशांत किशोर को कमजोरी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे। वह अपने आवास पर आराम कर रहे थे, लेकिन तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों ने तत्काल अस्पताल भेजा। डॉ. अजीत प्रधान और उनकी टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती किया, जहां उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जांच की जा रही है। प्रशांत किशोर का स्वास्थ्य बिगड़ने से उनके समर्थक चिंतित हैं, लेकिन अस्पताल में उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है।
कमजोरी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं
जानकारी के अनुसार सोमवार रात को प्रशांत किशोर को कमजोरी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हुई थीं। इसके बाद मंगलवार सुबह मेदांता अस्पताल की डॉ. अजीत प्रधान की टीम उनके पटना स्थित आवास पर पहुंची। डॉक्टरों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और फिर उन्हें अस्पताल भेजा गया। फिलहाल, प्रशांत किशोर की सेहत की जांच अस्पताल में की जा रही है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है। उनके समर्थक और जनता उनकी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
पांच सूत्रीय मांगें:
- बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करना।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव।
- परीक्षा संचालन में गड़बड़ियों की जांच।
- अभ्यर्थियों के लिए निष्पक्षता और समान अवसर सुनिश्चित करना।
- परीक्षा प्रणाली में सुधार और समय पर परिणाम घोषित करना।
पांच सूत्री मांगों को लेकर आमरण अनशन
प्रशांत किशोर ने पांच सूत्री मांगों को लेकर पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास आमरण अनशन शुरू किया था। उनकी ये मांगें बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने से जुड़ी थीं, साथ ही परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, पारदर्शिता और निष्पक्षता की जरूरत थी।
गिरफ्तार के बाद मिली जमानत
सोमवार सुबह पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान में धरना और आमरण अनशन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद उन्हें चिकित्सकीय जांच के लिए भेजा गया। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने सशर्त जमानत देने का आदेश दिया, लेकिन प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद, अदालत ने उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी।