West Bengal: पश्चिम बंगाल में राज्यपाल आनंदा बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। राज्यपाल आनंदा बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक और आधारहीन बयान दिए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। यह घटनाक्रम पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है और आने वाले समय में इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
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बंगाल गवर्नर बोस ने दायर किया मानहानि का मुकदमा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को सिलीगुड़ी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो कोई भी मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाएगा, उसे परिणाम भुगतना होगा। वह मेरी संवैधानिक सहयोगी हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं। पर मेरे आत्मसम्मान पर सवाल उठाया गया है, ऐसे में मैं अब चुप्प नहीं रह सकता। इसलिए खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन्होंने अपनी बातचीत में मुख्यमंत्री या ममता बनर्जी नाम नहीं लिया है। वहीं, इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट के अंदरूनी सूत्रों ने भी मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने की पुष्टि कर दी है।
राजनीतिक तनाव
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर तनाव चल रहा था, और इस मुकदमे ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। दोनों नेताओं के बीच हाल के विवादों ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। यह घटनाक्रम पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ती खटास से राज्य में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
सीएम ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया
ममता बनर्जी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह केवल राज्य के हित में काम कर रही हैं और राज्यपाल के आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने राज्यपाल पर भी आरोप लगाए हैं कि वह केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं।
कानूनी प्रक्रिया
मानहानि का मुकदमा दायर होने के बाद अब कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी। अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी, जहां दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क और सबूत पेश करेंगे। जस्टिस कृष्ण राव की खंडपीठ में बुधवार को इस मामले की सुनवाई होने की उम्मीद है।
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि इससे पहले 28 जून को राज्यपाल दफ्तर ने एक कड़े शब्दों वाला बयान जारी कर सीएम की कुछ टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी थी। जिसमें उन्होंने कहा कि महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं। सीएम ने 27 जून को यह टिप्पणी पार्टी के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर असमंजस की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए की थी। उन्होंने राजभवन जाकर शपथ समारोह में शामिल होने के राज्यपाल के निमंत्रण को स्वीकार न करने के उनके फैसले का समर्थन किया था।