32.8 C
New Delhi
Monday, July 14, 2025
HomeदेशCBSE 10वीं परीक्षा में बड़ा बदलाव: 2026 से साल में दो बार...

CBSE 10वीं परीक्षा में बड़ा बदलाव: 2026 से साल में दो बार होगा परीक्षा आयोजन

CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव का ऐलान किया है।

CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव का ऐलान किया है। अब छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें बेहतर प्रदर्शन का एक और अवसर मिल सकेगा। यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत लचीलापन और तनावमुक्त शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।

CBSE: पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी विकल्प के तौर पर

CBSE परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के अनुसार, कक्षा 10वीं की परीक्षा दो चरणों में होगी। पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में और दूसरी मई में आयोजित की जाएगी।

  • पहली परीक्षा: सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी।
  • दूसरी परीक्षा: वैकल्पिक होगी। इसमें केवल वे छात्र बैठ सकेंगे जो अपने पहले प्रयास से संतुष्ट नहीं हैं और बेहतर अंक प्राप्त करना चाहते हैं।

परीक्षा शेड्यूल घोषित

CBSE ने दोनों परीक्षाओं की संभावित तिथियां भी घोषित कर दी हैं:

परीक्षाप्रारंभ तिथिसमाप्ति तिथिसंभावित परिणाम तिथि
पहली (मुख्य) परीक्षा17 फरवरी 20267 मार्च 202620 अप्रैल 2026
दूसरी (सुधार) परीक्षा5 मई 202620 मई 202630 जून 2026

क्या होंगे प्रमुख नियम?

  • दोनों परीक्षाओं में विषय बदलने की अनुमति नहीं होगी।
  • छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट और पुनर्मूल्यांकन की सुविधा केवल दूसरी परीक्षा के बाद ही मिलेगी।
  • दोनों परीक्षाओं का पैटर्न समान रहेगा और कोई भेदभाव नहीं होगा।

किस उद्देश्य से लाया गया है बदलाव?

CBSE ने यह फैसला नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की सिफारिशों के अनुसार लिया है। इसका प्रमुख उद्देश्य:

  1. छात्रों पर से एक बार की परीक्षा का मानसिक दबाव कम करना।
  2. उन्हें दूसरा अवसर देकर सुधार की गुंजाइश देना।
  3. परीक्षा प्रणाली को लचीला और परिणाम उन्मुख बनाना।
  4. छात्रों की वास्तविक क्षमता का मूल्यांकन करना, न कि केवल एक दिन के प्रदर्शन पर आधारित फैसला।

CBSE का मानना है कि एक ही बार की परीक्षा से हर छात्र का समग्र मूल्यांकन संभव नहीं होता। कई बार छात्र स्वास्थ्य, पारिवारिक कारण या अन्य मानसिक दबाव के कारण बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते। दो बार परीक्षा आयोजित कर उन्हें अपनी गलतियों से सीखने और खुद को साबित करने का दूसरा मौका मिलेगा।

माता-पिता और छात्रों के लिए क्या मायने?

यह बदलाव उन छात्रों और अभिभावकों के लिए राहत की खबर है जो परीक्षा के समय अत्यधिक तनाव और दबाव का अनुभव करते हैं। अब छात्र पहली परीक्षा में अच्छे अंक लाकर ही मेरिट में आ सकते हैं, और अगर कहीं कमी रह जाती है तो सुधार परीक्षा में फिर से मौका मिल जाएगा।

परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा सुधार 

शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों ने CBSE के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह फैसला न केवल छात्रों की मानसिक सेहत को बेहतर बनाएगा बल्कि शिक्षा में उच्च गुणवत्ता भी लाएगा। CBSE का यह कदम परीक्षा प्रणाली में एक बड़ा सुधार है, जो छात्रों को अधिक अवसर, कम तनाव और बेहतर मूल्यांकन प्रणाली की ओर ले जाएगा। इस बदलाव से आने वाले वर्षों में न केवल छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी नई सकारात्मक दिशा तय होगी।

यह भी पढ़ें-

1 जुलाई से महंगी होगी रेल यात्रा, तत्काल टिकट बुकिंग में आधार अनिवार्य: जानिए क्या-क्या बदलेगा

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
overcast clouds
32.8 ° C
32.8 °
32.8 °
59 %
4.7kmh
100 %
Mon
30 °
Tue
34 °
Wed
35 °
Thu
35 °
Fri
29 °

Most Popular