Ashok Gehlot: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश उन्हीं की पार्टी के अंदर से रची जा रही है। उन्होंने भाजपा के भीतर चल रही अंदरूनी उठापटक की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये साजिश दिल्ली से शुरू हो चुकी है और राजस्थान तक फैल गई है। अशोक गहलोत के बयान से साफ है कि राजस्थान की सियासत आने वाले दिनों में और गरमाने वाली है।
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Ashok Gehlot: भजनलाल के खिलाफ ही षड्यंत्र रचा जा रहा है
गहलोत ने कहा कि भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बने और सीधे मुख्यमंत्री बना दिए गए, यह अपने आप में बड़ी बात थी। लेकिन अब उन्हीं के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है और वह इसे समझ नहीं पा रहे हैं। राजस्थान में भाजपा की ओर से उन्हें हटाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बार-बार मुख्यमंत्री बदलने से प्रदेश में अस्थिरता पैदा होती है, जिससे जनता त्रस्त हो जाती है।
Ashok Gehlot: हम विपक्ष में हैं, तो सवाल पूछना हमारा कर्तव्य है
गहलोत ने भाजपा की आलोचना करते हुए यह भी कहा कि जब हम विपक्ष में हैं, तो जनता के हित में सवाल उठाना और सरकार को जवाबदेह बनाना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा, हम जनता की आवाज उठाते हैं, मगर भाजपा इसे राजनीतिक आलोचना समझती है। अगर कोई सच्चाई दिखाता है, तो उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है।
Ashok Gehlot: विदेशों तक खराब हुई राजस्थान की छवि
गहलोत ने हाल ही में फ्रांस की महिला के साथ हुए दुष्कर्म की घटना का हवाला देते हुए राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें भारत के छह राज्यों को महिलाओं के लिए असुरक्षित बताया गया है। उन्होंने कहा, मैंने मुख्यमंत्री को चेताया कि राजस्थान का नाम भी इस लिस्ट में ना जुड़ जाए। हमने सच्चाई बताई, लेकिन उसे आलोचना माना जा रहा है। यह राज्य की छवि और पर्यटन के लिहाज से भी बेहद नुकसानदायक है।
हिंदू-मुसलमान के नाम पर समाज को बांट रही भाजपा
गहलोत ने भाजपा पर धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी लोगों को हिंदू और मुसलमान के नाम पर बांटने की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, अगर कोई पश्चिम बंगाल में रहता है तो भाजपा उसे बांग्लादेशी कहती है। अगर वो मुसलमान है तो उसे खास तौर पर टारगेट किया जाता है। भाजपा की यही सोच समाज को बांटती है और दंगों को जन्म देती है। उन्होंने यह भी दोहराया कि कांग्रेस ने कभी भी धार्मिक आधार पर हिंसा का समर्थन नहीं किया। हमने हमेशा समाज को जोड़ने की राजनीति की है। मगर भाजपा का एजेंडा सिर्फ हिंदू-मुसलमान करना और लोगों को भड़काना है।
भाजपा में अंदरूनी कलह, कांग्रेस उठा सकती है मुद्दा
गहलोत के इस बयान से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस आगामी दिनों में भाजपा सरकार के भीतर चल रही गुटबाजी और नेतृत्व संकट को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना सकती है। गहलोत ने यह भी संकेत दिए कि कांग्रेस जनता के बीच इन सवालों को लेकर जाएगी और भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करेगी।
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