Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी समीकरण में बड़ा उलटफेर आ गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी बिहार में चुनाव लड़ेगी और किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। गुजरात के गांधीनगर में गुरुवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने साफ कहा, आम आदमी पार्टी इस बार बिहार में चुनाव लड़ रही है। इस घोषणा के साथ ही केजरीवाल ने INDIA गठबंधन से भी नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया अलायंस केवल लोकसभा चुनाव के लिए था और अब उनकी तरफ से कोई गठबंधन नहीं होगा।
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Bihar Elections: इंडिया गठबंधन से दूरी पर बोले केजरीवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस से उनका गठबंधन होता तो वे लोग गुजरात के विसावदर सीट पर उनके खिलाफ क्यों लड़ते। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने विसावदर में कांग्रेस को ‘आप’ को हराने के लिए भेजा था। हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं है। इंडिया अलायंस अब हमारे लिए खत्म हो चुका है। इस तरह केजरीवाल ने बिहार चुनाव में अकेले उतरने की रणनीति के संकेत देते हुए विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है।
Bihar Elections: गुजरात और पंजाब पर भी किया दावा
अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में इस बार चुनाव जीतने का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि अब हर गुजराती बदलाव चाहता है और उनकी पार्टी राज्य में चुनाव जीतकर सरकार बनाएगी। गुजरात में बदलाव की आवाज हर गुजराती के दिल से उठ रही है। अब गुजरात जुड़ेगा, अब गुजरात बदलेगा। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब में दोबारा सरकार बनाने का भी दावा किया, जहां वर्तमान में आप की सरकार है।
Bihar Elections: बिहार में AAP कार्यकर्ताओं में जोश
केजरीवाल के इस ऐलान के बाद आम आदमी पार्टी की बिहार इकाई में उत्साह देखने को मिला। बिहार आप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, कार्यकर्ताओं, तैयार हो जाओ! बिहार में भी आप चुनाव लड़ेगी। पार्टी की ओर से कहा गया कि बिहार के कार्यकर्ता और जनता इस ऐलान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और इस घोषणा से बिहार में जोश का संचार हो गया है।
बिहार चुनाव में समीकरण बदलने की तैयारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले AAP के इस फैसले से राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है। बिहार में महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दल) और एनडीए (बीजेपी और जेडीयू) के बीच सीधी लड़ाई होती रही है। ऐसे में आप का अकेले उतरना इन दोनों गठबंधनों के वोट बैंक में सेंध लगा सकता है। दिल्ली और पंजाब में शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी के मुद्दों पर सरकार चला चुकी आप बिहार में भी इन मुद्दों को लेकर जनता को आकर्षित कर सकती है। पार्टी पहले से ही राज्य में संगठन विस्तार में जुटी है।
चुनावी रणनीति में नया मोड़
‘आप’ का बिहार चुनाव में उतरना विपक्षी एकता की कोशिशों के लिए भी झटका माना जा रहा है। INDIA गठबंधन जहां लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग और साझा अभियान की रणनीति बना रहा था, वहीं केजरीवाल के इस ऐलान ने साफ कर दिया है कि ‘आप’ राज्य विधानसभा चुनावों में अपनी स्वतंत्र राह पर चलेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ‘आप’ अगर बिहार में चुनावी मैदान में उतरती है तो शहरी और युवा मतदाताओं में पार्टी के लिए अवसर बन सकते हैं। वहीं, पार्टी के लिए राज्य में संगठन और मजबूत उम्मीदवार तैयार करना भी चुनौती रहेगा।
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