Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति फिर से गंभीर हो गई है, और सरकार व संबंधित एजेंसियां इससे निपटने के लिए कदम उठा रही हैं। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत जो प्रतिबंध लागू किए गए हैं। सभी गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध। दिल्ली का एक्यूआई 367, बहुत खराब श्रेणी में आता है, जिसका मतलब है कि यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। सरकार और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से ही इस स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
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हाइब्रिड मोड में संचालित होंगी क्लास
स्कूलों को ऑनलाइन मोड अपनाने का सुझाव दिया जा सकता है, और दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम को प्राथमिकता दी जा सकती है। दिल्ली और एनसीआर की राज्य सरकारों को तीसरे चरण के तहत सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के कर्मचारियों के आने और जाने के समय में अंतर करने का निर्देश दिया गया है।
निर्माण कार्य पर रोक
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए जीआरएपी III (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) फिर से लागू कर दिया गया है। सभी गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध। केवल आवश्यक और प्रदूषण-नियंत्रित परियोजनाओं की अनुमति होगी।
वाहनों पर नियंत्रण
डीजल जनरेटर के उपयोग पर रोक और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की योजनाएं। ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल से चलने वाले मध्यम आकार के मालवाहक वाहनों पर भी रोक लग गई है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
औद्योगिक गतिविधियां
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के कारण पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 3 लागू कर दिया गया है। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर प्रतिबंध लगाया गया है, विशेष रूप से वे जो क्लीन फ्यूल का उपयोग नहीं करते।
सड़क की सफाई और धूल नियंत्रण
सड़कों की मशीनों से सफाई, पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण उपाय। जीआरएपी-3 तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों पर लगाए गए प्रतिबंधों से दिव्यांगों को छूट दी गई है।
ग्रैप में कुल चार चरण आते हैं
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीरता के आधार पर चरणबद्ध प्रतिबंधों और उपायों को लागू करता है। इसके चार चरण निम्नलिखित हैं।
चरण 1: एक्यूआई 201 से 300 (मध्यम से खराब)
मुख्य उपाय:
-यांत्रिक झाड़ू से सड़कों की सफाई।
-धूल नियंत्रण के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव।
-कचरे के खुले में जलाने पर सख्त प्रतिबंध।
-सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
चरण 2: एक्यूआई 301 से 400 (खराब से बहुत खराब)
मुख्य उपाय:
-डीजल जनरेटर के उपयोग पर रोक (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर)।
-पार्किंग शुल्क बढ़ाना।
-शहरी परिवहन को मजबूत करने के लिए बसों और मेट्रो ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाना।
-धूल-रोधी कदमों को और सख्ती से लागू करना।
चरण 3: एक्यूआई 401 से 450 (बहुत खराब से गंभीर)
मुख्य उपाय:
-गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध।
-ईंट भट्टों और स्टोन क्रशर जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों को बंद करना।
-वाहनों की सख्त निगरानी और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना।
-कोयला और अन्य ठोस ईंधन के उपयोग को रोकना।
चरण 4: एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से आपातकालीन)
मुख्य उपाय:
-ट्रक जैसे भारी वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर प्रतिबंध (आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर)।
-स्कूलों और कॉलेजों को बंद करना।
-निजी वाहनों की आवाजाही पर अंकुश (ऑड-ईवन स्कीम का संभावित कार्यान्वयन)।
-औद्योगिक गतिविधियों पर व्यापक प्रतिबंध।
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