Iran Israel War: मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका की ओर से ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स- फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर किए गए एयरस्ट्राइक के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने इजरायल पर बड़ा जवाबी हमला किया है। रविवार सुबह इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने पुष्टि की कि ईरान ने 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल की ओर दागीं। इन हमलों में अब तक 16 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। दोनों बच्चों को तेल अवीव के इचिलोव मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया है। इजरायली आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम (MDA) ने इसकी पुष्टि की है।
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Iran Israel War: तेल अवीव और यरुशलम में जोरदार धमाके
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी मिसाइलों ने इजरायल के सेंट्रल हिस्सों को निशाना बनाया, जिसमें तेल अवीव, हाइफा और यरुशलम जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में जोरदार धमाके सुने गए और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। अभी तक इन धमाकों से जुड़े सभी आंकड़े सामने नहीं आए हैं, लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार कई रिहायशी और व्यावसायिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। IDF के मुताबिक, इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकतर मिसाइलों को रास्ते में ही रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहीं।
Iran Israel War: सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट पर, सोशल मीडिया पर सतर्कता की अपील
इजरायली सेना ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सोशल मीडिया पर हमलों से जुड़ी वीडियो या तस्वीरें साझा न करें, जिससे कि दुश्मन को किसी भी तरह की रणनीतिक जानकारी न मिले। IDF ने यह भी कहा है कि हमले की लोकेशन और इमरजेंसी रिस्पॉन्स से संबंधित कोई भी जानकारी साझा करने से परहेज करें। इजरायल के कई हिस्सों में एयर रेड सायरन एक्टिव किए गए हैं, खासकर यरुशलम और उसके आसपास के क्षेत्रों में। नागरिकों से बंकरों और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।
Iran Israel War: जॉर्डन में भी हवाई सायरन एक्टिव
हालांकि जॉर्डन पर कोई मिसाइल हमला नहीं हुआ है, लेकिन वहां की सरकार ने सतर्कता बरतते हुए अपने सभी सरकारी कार्यालयों में एयर रेड सायरन सक्रिय कर दिए हैं। जॉर्डन के पब्लिक सेफ्टी डिपार्टमेंट के अनुसार, यह कदम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित खतरे को देखते हुए उठाया गया है।
कैसे शुरू हुआ यह टकराव?
इस पूरी श्रृंखला की शुरुआत तब हुई जब अमेरिका ने भारतीय समयानुसार रविवार तड़के 4:30 बजे ईरान की तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फाहान—पर हवाई हमले किए। अमेरिका का दावा है कि इन ठिकानों पर यूरेनियम संवर्धन का काम चल रहा था, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता था। इन हमलों को अमेरिका के B-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों द्वारा अंजाम दिया गया, जिनसे बंकर बस्टर बम गिराए गए। इन बमों का वजन लगभग 14 टन था और इनका इस्तेमाल गहराई में बने बंकरों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
क्षेत्रीय तनाव चरम पर
ईरान और इजरायल के बीच यह ताजा टकराव एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में बदलने की आशंका जता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो इसमें सीरिया, लेबनान, इराक और यमन जैसे अन्य देश भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस तनाव को कम करने की दिशा में कूटनीतिक प्रयास कर रही हैं, लेकिन वर्तमान हालात काफी नाजुक बने हुए हैं।
ईरान द्वारा इजरायल पर किया गया यह मिसाइल हमला, अमेरिका के हवाई हमलों की प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि इजरायल इसका किस तरह से जवाब देता है और क्या यह संघर्ष और व्यापक रूप लेता है। अभी के लिए, इजरायल और उसके पड़ोसी देश अलर्ट पर हैं और पूरी दुनिया इस टकराव पर नजर बनाए हुए है।
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