Iran Israel War: पश्चिम एशिया (मिडिल ईस्ट) एक बार फिर से सर्वाधिक संवेदनशील और विस्फोटक भूभाग बन चुका है। ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग में अब अमेरिका की सक्रिय भागीदारी की आहट से विश्व भर में चिंता की लहर दौड़ गई है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने मंगलवार को अमेरिका को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि उनके देश के हर एक शहीद का हिसाब लिया जाएगा और ईरान कभी सरेंडर नहीं करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका और इजरायल की आक्रामक रणनीति का दुर्जेय और निर्णायक जवाब दिया जाएगा।
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Iran Israel War: ईरान झुकेगा नहीं- खामेनेई
तेहरान में तस्नीम समाचार एजेंसी के माध्यम से जारी बयान में खामेनेई ने कहा, जो लोग ईरान के इतिहास से वाकिफ हैं, उन्हें पता है कि यह देश धमकियों के आगे नहीं झुकता। ईरान न तो थोपे गए युद्ध को स्वीकार करेगा और न ही कोई बनावटी शांति। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि, अगर अमेरिकी सेना कोई भी आक्रामक कार्रवाई करती है, तो उन्हें गंभीर और अप्रत्याशित परिणाम भुगतने होंगे।
Iran Israel War: इजरायल ने की बड़ी गलती
खामेनेई ने इजरायल को भी निशाने पर लिया और कहा कि इस्राइली नेतृत्व ने ईरान पर हमला करके इतिहास की सबसे बड़ी रणनीतिक भूल की है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस गलती की कीमत चुकानी पड़ेगी। खामेनेई ने कहा, हम अपने शहीदों के खून को कभी नहीं भूलेंगे और इजरायल की हर नापाक हरकत का बदला लिया जाएगा। ईरानी विदेश मंत्रालय ने भी सख्त लहजे में कहा है कि अगर अमेरिका ने किसी भी प्रकार से सैन्य हस्तक्षेप किया, तो इससे पूरा क्षेत्र युद्ध की आग में झुलस जाएगा।
ट्रंप बोले- ईरान बिना शर्त सरेंडर करे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में G7 समिट से लौटने के बाद वाशिंगटन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने ईरानी हवाई क्षेत्र पर तकनीकी नियंत्रण हासिल कर लिया है।
Iran Israel War: ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमें पता है ईरान के सर्वोच्च नेता कहां छिपे हैं। हम अभी हमला नहीं कर रहे हैं, लेकिन हमारा धैर्य खत्म हो रहा है। ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की सैन्य तकनीक और रक्षात्मक सिस्टम दुनिया में बेजोड़ है।
संयुक्त हमले की रणनीति पर मंथन
व्हाइट हाउस से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन इजरायल के साथ मिलकर ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले की रणनीति पर विचार कर रहा है। हालांकि, अब तक इस दिशा में कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अली बहरैनी ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अमेरिकी सेना ने युद्ध में प्रत्यक्ष भागीदारी की, तो ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने अमेरिका को पहले से ही इजरायल के हमलों का साझेदार करार दिया है।
विश्व समुदाय चिंतित, वैश्विक बाजारों में हलचल
इस पूरी स्थिति के चलते विश्व समुदाय में गंभीर चिंता देखी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और कई एशियाई देशों ने संयम बरतने और वार्ता के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। वहीं, वैश्विक वित्तीय बाजारों में भी इस टकराव का असर दिखने लगा है – तेल की कीमतों में उछाल, शेयर बाजारों में गिरावट और निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल छा गया है।
नतीजा: युद्ध की आहट या कूटनीति का मौका?
ईरान, इजरायल और अमेरिका के बीच यह तीखा टकराव अब ऐसे मोड़ पर आ पहुंचा है, जहां कूटनीति की विफलता एक विनाशकारी युद्ध का रूप ले सकती है। आने वाले कुछ दिन यह तय करेंगे कि क्या ये देश संयम और संवाद की ओर लौटेंगे या पूरा मिडिल ईस्ट एक बार फिर युद्ध की आग में झुलसेगा।
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