Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से एक बार फिर बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। रविवार सुबह केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा एक हेलीकॉप्टर घने जंगल वाले इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट सहित सातों लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 23 महीने का एक मासूम बच्चा भी शामिल है। हादसा उत्तराखंड के श्रद्धालु यात्रियों और पूरे देश को गहरे शोक में डुबो गया है।
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Kedarnath Helicopter Crash: 10 मिनट की यात्रा, लेकिन बीच रास्ते में मौत
यह हेलीकॉप्टर सुबह करीब 5:20 बजे केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ था। उड़ान का समय मात्र 10 मिनट का था, लेकिन यह उड़ान गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने पुष्टि की है कि सभी सातों यात्री इस दुर्घटना में मारे गए हैं।
Kedarnath Helicopter Crash: मौसम और दृश्यता बनी हादसे की वजह
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसे की वजह खराब मौसम और कम दृश्यता मानी जा रही है। रुद्रप्रयाग क्षेत्र में सुबह के समय धुंध और बादलों का घना आवरण था, जिससे उड़ान संचालन में परेशानी हो सकती थी। इसी के कारण हेलीकॉप्टर नियंत्रण खो बैठा और घने जंगल में क्रैश कर गया।
Kedarnath Helicopter Crash: मृतकों में कौन-कौन शामिल?
उत्तराखंड सरकार और UCADA द्वारा जारी सूची के अनुसार मृतकों में एक बच्चा, पांच वयस्क तीर्थयात्री और हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान शामिल हैं। तीर्थयात्रियों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के लोग थे।
बचाव कार्य में भारी चुनौती
हादसे के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके के लिए रवाना हो गईं, लेकिन दुर्घटनास्थल का इलाका काफी दुर्गम और वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण राहत और बचाव कार्य बेहद कठिन हो गया। एसडीआरएफ की टीमों को घने जंगल और खड़ी चढ़ाई पार करके शवों तक पहुंचना पड़ा।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, रुद्रप्रयाग जिले में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना की दुखद सूचना प्राप्त हुई है। एसडीआरएफ और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी तीर्थयात्रियों को सकुशल रखें।
पूर्व में भी हो चुके हैं हादसे
यह हादसा केदारनाथ में इस वर्ष की शुरुआत के बाद पांचवीं विमानन दुर्घटना है। इससे पहले 7 जून को एक अन्य हेलीकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। उस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि इस क्षेत्र में विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर चुनौतियां मौजूद हैं।
पायलट राजवीर सिंह चौहान: सेना से लेकर नागरिक उड्डयन तक की सेवा
हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह चौहान जयपुर (राजस्थान) के रहने वाले थे। वे सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद हाल ही में आर्यन एविएशन कंपनी में पायलट बने थे। राजवीर सिंह ने 14 वर्षों तक सेना में सेवा दी थी। राजवीर की पत्नी दीपिका चौहान भी सेना में पायलट हैं और हाल ही में जुड़वा बच्चों की मां बनी थीं। उनकी मौत की खबर से पूरे परिवार में मातम पसर गया है। उनके पिता गोविंद सिंह चौहान को जब यह खबर मिली, तो वह स्तब्ध रह गए। उनका परिवार जयपुर के शास्त्री नगर के नाहरी का नाका क्षेत्र में रहता है।
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