Air India Accident: एयर इंडिया के भीषण विमान हादसे के बाद शवों की पहचान का काम तेजी से चल रहा है। विमान में आग लगने से कई शव बुरी तरह झुलस गए थे, जिससे पारंपरिक तरीके से पहचान करना मुश्किल हो गया। ऐसे में डीएनए मिलान ही एकमात्र विकल्प बन गया है। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बुधवार सुबह जानकारी दी कि अब तक 184 मृतकों के डीएनए सैंपल का मिलान पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया युद्धस्तर पर की जा रही है ताकि पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द उनके परिजनों के पार्थिव शरीर सौंपे जा सकें।
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Air India Accident: डीएनए मिलान में तेजी
गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘सुबह 8 बजे तक 184 डीएनए मिलान पूरे हो चुके हैं।’ मंगलवार देर रात उन्होंने 177 डीएनए सैंपल मिलान की जानकारी दी थी, जिससे यह स्पष्ट है कि रातभर काम जारी रहा और कुल सात सैंपलों का मिलान अतिरिक्त हुआ। उन्होंने कहा कि डीएनए जांच की प्रक्रिया गुजरात फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी और संबंधित लैब्स की सहायता से की जा रही है। जांच पूरी होते ही संबंधित परिजनों को आधिकारिक रूप से सूचित कर शव सौंपे जा रहे हैं।
Air India Accident: सामानों की पहचान भी शुरू
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि हादसे के बाद घटनास्थल से जो व्यक्तिगत सामान बरामद हुए हैं, उनका भी डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा है। सांघवी ने कहा, “प्रत्येक वस्तु को सावधानीपूर्वक एकत्र कर रिकॉर्ड किया जाएगा और जांच के बाद उसके सही परिजनों को सौंपा जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग के सहयोग से एक सम्मानजनक और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
Air India Accident: विजय रूपाणी समेत 270 की मौत
बताया जा रहा है कि इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 270 लोगों की मृत्यु हो गई। यह हादसा भारत की विमानन इतिहास की सबसे त्रासदीपूर्ण घटनाओं में से एक बन गया है। हादसे में केवल एक यात्री की जान बची है, जो भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है। फिलहाल उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
डीजीसीए की जांच: बोइंग 787 सुरक्षित
हादसे की जांच को लेकर विमानन नियामक डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े में कोई गंभीर तकनीकी खामी नहीं पाई गई है। डीजीसीए के अनुसार, एयर इंडिया के 33 बोइंग 787-8/9 विमानों में से 24 की आवश्यक जांच पूरी हो चुकी है, और सभी सुरक्षा मानकों पर खरे पाए गए हैं।
डीजीसीए ने बताया कि मंगलवार तक 2 और विमानों की जांच की योजना थी, जबकि 18 जून को एक और विमान की जांच की जाएगी। दो विमान दिल्ली में AOG (एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड) स्थिति में हैं और उन्हें सेवा में लौटने से पहले पूरी तरह जांचा जाएगा।
एयरलाइन को निर्देश और समीक्षा बैठक
डीजीसीए ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर ऑपरेशनल मजबूती, सुरक्षा अनुपालन और यात्रियों की सेवा पर समीक्षा की। इस बैठक में इंजीनियरिंग, ऑपरेशन और ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट्स के बीच समन्वय बेहतर करने पर जोर दिया गया। ईरानी हवाई क्षेत्र के अस्थायी बंद होने के कारण उड़ानों के डायवर्जन, देरी और रद्द होने की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई। एयरलाइन ऑपरेटरों को वैकल्पिक रूटिंग और यात्रियों के साथ समय पर संचार बनाए रखने की सलाह दी गई है।
सुरक्षा और सेवा गुणवत्ता पर सख्ती
डीजीसीए ने एयरलाइन से कहा है कि ऑपरेशनल और सेफ्टी-क्रिटिकल डिपार्टमेंट्स को रियल-टाइम डिफेक्ट रिपोर्टिंग मैकेनिज्म पर जोर देना होगा ताकि संभावित खामियों की समय रहते पहचान की जा सके।
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