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Thursday, July 17, 2025
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Uttarakhand में अवैध मदरसों पर सख्त कार्रवाई, बच्चों की शिक्षा पर मंडराया संकट, सरकारी स्कूलों में दाखिले की कवायद तेज

Uttarakhand: उत्तराखंड में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ राज्य सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। बीते एक महीने में प्रशासन ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 136 अवैध मदरसों को सील कर दिया है। सबसे अधिक कार्रवाई उधमसिंह नगर जिले में हुई, जहां 64 मदरसे बंद किए गए हैं। सरकार की इस कार्रवाई का उद्देश्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया जा रहा है। राज्य में 450 मदरसे आधिकारिक रूप से मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं, लेकिन करीब 500 मदरसे बिना किसी वैध अनुमति के संचालित हो रहे थे। प्रशासन का कहना है कि इन अवैध मदरसों की जांच में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते इन्हें बंद करना पड़ा। हालांकि, इन मदरसों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के लिए अब शिक्षा का संकट खड़ा हो गया है।

Uttarakhand: बच्चों के भविष्य को लेकर उठ रहे सवाल

सरकार द्वारा मदरसों को सील किए जाने के बाद सवाल यह उठ रहा है कि इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा? क्या वे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे, या फिर उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी?

प्रदेश के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इस विषय पर स्पष्ट किया कि सरकार बच्चों की शिक्षा को बाधित नहीं होने देगी। उन्होंने कहा, राज्य में दो तरह के मदरसे संचालित हो रहे हैं – एक वे जो मदरसा बोर्ड से पंजीकृत हैं और दूसरे वे जो बिना पंजीकरण के चल रहे थे। हमारी कार्रवाई केवल अवैध रूप से चलने वाले मदरसों पर है, ताकि शिक्षा व्यवस्था को अनुशासित और सुचारु बनाया जा सके।

बंशीधर तिवारी ने बताया कि इन बच्चों के लिए दो विकल्प उपलब्ध हैं

1 पंजीकृत मदरसों में दाखिला: जिन मदरसों को मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, वहां बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।

2 सरकारी स्कूलों में प्रवेश: राज्य सरकार इन बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए सरकारी स्कूलों में दाखिले का अभियान चला रही है।

Uttarakhand: सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू

राज्य शिक्षा विभाग जल्द ही ‘प्रवेश उत्सव’ नामक अभियान शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत स्कूल शिक्षक और अधिकारी घर-घर जाकर माता-पिता से संपर्क करेंगे और उन्हें सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने के लिए प्रेरित करेंगे। यह अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए।

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि राइट टू एजुकेशन एक्ट (RTE) के तहत सभी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि इन बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।

Uttarakhand: कितने बच्चे प्रभावित हुए?

शिक्षा विभाग के अनुसार, देहरादून में सील किए गए मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगभग 1000 है। अन्य जिलों में भी हजारों बच्चे प्रभावित हुए हैं। प्रशासन अब हर जिले में आंकड़े जुटा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कुल कितने बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने की आवश्यकता होगी।

Uttarakhand: मदरसा संचालकों और मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड सरकार की इस कार्रवाई पर कई मदरसा संचालकों और मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि सरकार को पहले इन मदरसों को मान्यता देने या नियमित करने के लिए कोई नीति बनानी चाहिए थी, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।

कुछ संगठनों ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार यह कार्रवाई एकतरफा तरीके से कर रही है और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल अवैध रूप से संचालित मदरसों पर की जा रही है, जिनमें आवश्यक सुविधाओं और सुरक्षा मानकों की कमी थी।

Uttarakhand: सरकार का रुख साफ, शिक्षा होगी प्राथमिकता

उत्तराखंड सरकार का कहना है कि उसकी प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार किसी भी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, लेकिन अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी बच्चे एक अच्छी और सुरक्षित शिक्षा प्राप्त करें।

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