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Wednesday, July 2, 2025
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Mulayam Singh Yadav: सियासत के मजबूत ‘पहलवान’ थे नेताजी, राजनीतिक दाव-पेंच से बड़े-बड़ों को किया चित, 3 बार रहे UP के CM

Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की आज दूसरी पुण्यतिथि है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की आज दूसरी पुण्यतिथि है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा है। उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की और उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख स्थान बनाया। उनकी पुण्यतिथि पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके योगदान को याद किया है।

सीएम योगी, डिप्टी सीएम ने मुलायम सिंह को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पद्म विभूषण मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, ‘पद्म विभूषण’ मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! इसके अलावा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी मुलायम सिंह यादव को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उन्हें एक वरिष्ठ राजनेता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक के रूप में याद किया। इस अवसर पर कई अन्य राजनीतिक हस्तियों ने भी मुलायम सिंह यादव के योगदान को याद किया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राजनीतिक दाव-पेंच से बड़े-बड़ों को किया चित

मुलायम सिंह यादव ने भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय पहचान बनाई। छात्र राजनीति में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने 1970 के दशक में औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखा और बहुत जल्दी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जगह बना ली। उनके प्रभाव और नेतृत्व के कारण, राजनीति में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया।

जनता से जुड़ाव और विकास के प्रति प्रतिबद्धता

उनकी राजनीतिक यात्रा में एक ऐसा भी क्षण आया जब उनका नाम प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हुआ, लेकिन यह सपना अंततः अधूरा रह गया। मुलायम सिंह यादव की राजनीति का आधार उनकी समाजवादी विचारधारा, जनता से जुड़ाव और विकास के प्रति प्रतिबद्धता थी। उनकी कार्यशैली और राजनीति ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बना दिया, जिसकी अनदेखी करना किसी के लिए भी संभव नहीं था।

28 साल की उम्र में ही बन गए विधायक

छात्र राजनीति के दौरान, मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थू सिंह के संपर्क में आकर महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किए। उनकी मेहनत और समर्पण के चलते उन्होंने गुरु का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर तेजी से उभरा, और 28 साल की उम्र में ही वे विधायक बन गए। 1967 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की सीट से उन्होंने पहली बार जीत हासिल की, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। यह उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत थी, जिसने बाद में उन्हें मुख्यमंत्री और एक प्रमुख राष्ट्रीय नेता बना दिया।

मरणोपरांत दिया गया ‘पद्म विभूषण’ देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

समाजवाद की राजनीति करने वाले ‘धरती पुत्र’ मुलायम सिंह यादव ने 10 अक्टूबर 2022 को इस दुनिया को अलविदा कहा। उनके निधन के बाद, भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण, देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनके योगदान को मान्यता देने के लिए दिया गया, जो उन्होंने भारतीय राजनीति और समाज के विकास के लिए किया। मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत और समाजवादी विचारधारा ने उन्हें न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि पूरे देश में एक महत्वपूर्ण नेता बना दिया। उनके योगदान के कारण, वे हमेशा याद किए जाएंगे।

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