Doctor Death: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर से देश के सबसे खतरनाक सीरियल किलर्स में गिने जाने वाले ‘डॉक्टर डेथ’ उर्फ देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही देवेंद्र शर्मा है, जो आयुर्वेदिक डॉक्टर से एक कुख्यात अपराधी में तब्दील हो गया और 2002 से 2004 के बीच दर्जनों टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर चुका है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे इस खूंखार अपराधी को साल 2023 में पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन इसके बाद वह फरार हो गया था।
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Doctor Death: पुजारी बनकर काट रहा था फरारी
करीब दो साल की लंबी फरारी के बाद दिल्ली पुलिस ने देवेंद्र शर्मा को राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार किया है, जहां वह एक आश्रम में पुजारी बनकर रह रहा था। धार्मिक चोला पहनकर प्रवचन देने वाले इस सीरियल किलर को पुलिस ने बेहद गुप्त तरीके से पकड़ने की योजना बनाई थी। आरके पुरम यूनिट की टीम ने पहले शिष्य बनकर आश्रम में पहुंचकर उसकी पहचान की पुष्टि की और फिर उसे हिरासत में लिया।
Doctor Death: अलीगढ़ से अपराध की शुरुआत
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले का रहने वाला देवेंद्र शर्मा ने साल 1984 में बिहार से बीएएमएस (आयुर्वेदिक मेडिसिन) की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उसने राजस्थान के बांदीकुई में जनता क्लिनिक खोला। लेकिन 1994 में एक गैस डीलरशिप घोटाले में करीब 11 लाख रुपये का नुकसान उठाने के बाद वह अपराध की दुनिया में उतर गया। सबसे पहले उसने नकली गैस एजेंसी चलाई, फिर अवैध किडनी रैकेट और अंत में कई हत्याएं कर डालीं।
50 से अधिक हत्याओं का आरोप, एक में फांसी की सजा
पुलिस के अनुसार देवेंद्र शर्मा पर 50 से अधिक हत्याओं का आरोप है। इनमें से आठ मामलों में वह दोषी करार दिया जा चुका है और सात मामलों में उसे उम्रकैद की सजा मिल चुकी है। इसके अलावा गुरुग्राम में एक हत्या मामले में उसे फांसी की सजा भी सुनाई जा चुकी है। वह पहले भी 2020 में पैरोल पर बाहर आया था और फरार हो गया था। सात महीने बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2023 में फिर वही दोहराया।
Doctor Death: अवैध किडनी रैकेट में भी शामिल
डॉक्टर डेथ सिर्फ हत्या का मास्टरमाइंड ही नहीं, बल्कि एक बड़े अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भी हिस्सा था। वर्ष 1994 से 2004 के बीच उसने गुरुग्राम के एक डॉक्टर के साथ मिलकर 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करवाए। प्रत्येक ट्रांसप्लांट के बदले उसे 5 से 7 लाख रुपये मिलते थे। वह गरीब लोगों को झांसा देकर डोनर बनवाता था और फिर अमीर मरीजों को अवैध ट्रांसप्लांट करवाता था।
मगरमच्छ को लाशें खिलाकर मिटाता था सबूत
देवेंद्र का हत्याकांड बेहद खौफनाक था। वह अपने साथियों के साथ मिलकर ड्राइवरों को फर्जी ट्रिप के बहाने बुलाता था, उनकी हत्या करता और फिर शवों को उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित हजारा नहर में फेंक देता था, जहां मगरमच्छ मौजूद रहते थे। ये मगरमच्छ लाशों को कुछ ही पलों में निगल जाते थे, जिससे कोई सबूत नहीं बचता था। वहीं, उनकी गाड़ियों को ग्रे मार्केट में बेच देता था।
पुलिस को बताया- जेल में वापस नहीं जाना चाहता था
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में देवेंद्र शर्मा ने कबूल किया कि वह जेल वापस नहीं जाना चाहता था, इसलिए साधु का वेश धारण कर दौसा में आश्रम में प्रवचन दे रहा था। दिल्ली पुलिस की टीमें उसकी लोकेशन ट्रेस करने में काफी समय से लगी थीं और आखिरकार उन्हें सफलता मिल गई।
अब फिर तिहाड़ की सलाखों के पीछे
पुलिस ने देवेंद्र शर्मा को कोर्ट में पेश कर दोबारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और अब उसे फिर से तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। इस बार उसकी कड़ी निगरानी की जाएगी ताकि वह फिर से पैरोल का फायदा उठाकर फरार न हो सके।
देश के सबसे खतरनाक अपराधियों में शामिल
एक शिक्षित डॉक्टर से खूंखार सीरियल किलर बना देवेंद्र शर्मा न सिर्फ देश के सबसे खतरनाक अपराधियों में शामिल है, बल्कि यह मामला पुलिस और जेल प्रशासन के लिए भी एक बड़ा सबक है। अब जब वह दोबारा सलाखों के पीछे पहुंच चुका है, उम्मीद की जा सकती है कि कानून व्यवस्था उसे तीसरी बार कोई मौका नहीं देगी।
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