Sanjeevani Yojana: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुजुर्गों के लिए “संजीवनी योजना” का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, दिल्ली के 60 साल या उससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के हमारे सभी बुजुर्गों के लिए खुशखबरी है। दिल्ली में 60 साल से ज़्यादा उम्र के सभी नागरिकों का इलाज मुफ्त होगा। ये केजरीवाल की गारंटी है। अरविंद केजरीवाल ने पहले भी शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी-बिजली के क्षेत्र में कई गारंटी योजनाओं का ऐलान किया है। इस नई पहल के जरिए वह दिल्ली के बुजुर्गों को सीधा लाभ पहुंचाने और चुनाव में उनकी भूमिका मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
Table of Contents
दिल्ली में 60 साल से ऊपर बुजुर्गों का मुफ्त इलाज
अरविंद केजरीवाल ने रामायण के प्रसंग का उदाहरण देते हुए अपनी नई संजीवनी योजना को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि जैसे रामायण में हनुमान जी ने मूर्छित लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लाकर उनकी जान बचाई थी, उसी तरह आम आदमी पार्टी की यह योजना दिल्ली के बुजुर्गों के लिए संजीवनी साबित होगी। दिल्ली के सरकारी और गैर सरकारी सभी अस्पतालों में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का इलाज फ्री किया जाएगा।
संजीवनी योजना की मुख्य विशेषताएं
फ्री इलाज: दिल्ली के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
60 वर्ष से अधिक आयु: इस योजना का लाभ केवल 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिक उठा सकेंगे।
सभी बीमारियों को कवर: इलाज में गंभीर बीमारियों से लेकर नियमित स्वास्थ्य सेवाएं शामिल होंगी।
इस योजना का उद्देश्य:
- दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना।
- आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को राहत प्रदान करना।
- बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके उनकी जीवन गुणवत्ता सुधारना।
- यह योजना स्वास्थ्य सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करेगी।
- आर्थिक कारणों से बुजुर्गों का इलाज न कराने जैसी समस्याओं को हल करेगी।
- यह योजना बुजुर्गों के आत्मसम्मान और उनकी देखभाल को बढ़ावा देने की एक बड़ी पहल है।
केजरीवाल का एक और मास्टरस्ट्रोक
अरविंद केजरीवाल ने संजीवनी योजना का ऐलान करते हुए बुजुर्गों के संघर्ष और उनके योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों ने अपने परिवारों को शिक्षा और संस्कार देकर इस काबिल बनाया कि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। लेकिन, उम्र के इस पड़ाव में कई बार उचित इलाज के अभाव में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
बुजुर्गों को झेलनी पड़ती है परेशातियां
बुजुर्गों ने ही अपने परिवार को इस मुकाम तक पहुंचाया है। अस्पतालों में इलाज के अभाव में बुजुर्गों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार लोग बुजुर्गों का इलाज कराने से कतराते हैं क्योंकि इलाज पर बहुत पैसा खर्च होता है। बुजुर्गों के इलाज में होने वाला अधिक खर्च कई परिवारों के लिए आर्थिक रूप से कठिन हो जाता है। कुछ मामलों में, परिवार बुजुर्गों के इलाज को प्राथमिकता नहीं देते, जिससे उन्हें अनदेखी का सामना करना पड़ता है। इलाज के लिए बुजुर्गों की अस्पतालों तक पहुंच और उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिलना अक्सर एक चुनौती है।
यह भी पढ़ें-
PM Modi ने PKC-ERCP का किया उद्घाटन, राजस्थान के 21 जिलों का जल संकट खत्म, 100000000000 से अधिक की मिली सौगात