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Wednesday, September 17, 2025
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Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने वायनाड छोड़कर रायबरेली को क्यों चुना? क्या है कांग्रेस की रणनीतिv

Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे और अपने परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली के सांसद रहेंगे।

Rahul Gandhi: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी केरल की वायनाड सीट से लोकसभा उपचुनाव लड़ कर चुनावी राजनीति में प्रवेश करेंगी। दो सीटों से चुनाव जीते उनके भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड सीट से इस्तीफा देंगे और अपने परिवार की परंपरागत सीट रायबरेली के सांसद रहेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी के इस निर्णय की जानकारी दी। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा रायबरेली और वायनाड से भावनात्मक रिश्ता है। एक सीट छोडने का निर्णय आसान नहीं था। मैं वायनाड के प्यार को पूरी जिंदगी याद रखूंगा। प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ेगी। मैं वहा जाता रहूंगा और प्रियंका रायबरेली आती रहेगी। ऐसे में रायबरेली-वायनाड को दो-दो सांसद मिलेंगे। नियमों के तहत दो सीट से चुनाव जीतने पर सांसद को 14 दिन में एक सीट से इस्तीफा देना होता है। यह समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो रही है।

खरगे ने आभार जताया, धन्यवाद दिया

खरगे ने कहा कि पार्टी ने सोच-समझ कर फैसला लिया है और दोनों नेताओं को धन्यवाद है कि उन्होंने इसे स्वीकारा। खरगे ने उत्तर प्रदेश, खासकर रायबरेली-अमेठी, में लोकसभा चुनाव में पार्टी की सफलता के लिए प्रियंका की मेहनत के लिए आभार जताया और वायनाड से चुनाव लड़ने पर राजी होने के लिए उनका धन्यवाद भी दिया। उन्होंने प्रियंका के नारे लड़की हूं लड़ सकती हूं का जिक्र करते हुए कहा कि यह लड़की लड़ सकती है।

विपक्ष का नेता बनने पर निर्णय नहीं

राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने पर अभी निर्णय नहीं किया है लेकिन सूत्राें का कहना है कि इसमें उनकी ज्यादा रुचि नहीं है। कांग्रेस कार्यसमिति इस बारे में प्रस्ताव पास कर चुकी है कि राहुल को लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। पत्रकारों ने खरगे से इस बारे में सवाल किया कि क्या कार्यसमिति का निर्णय नहीं मानने पर पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी? खरगे ने कहा – आज वायनाड का निर्णय हुआ है, नेता का निर्णय होगा तब बताएंगे। इसी दौरान राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें ऐसी (अनुशासनात्मक कार्रवाई की) धमकी जरूर मिली है। सूत्रों के अनुसार राहुल नेता प्रतिपक्ष बनना स्वीकार नहीं करते हैं तो गौरव गोगोई, मनीष तिवारी या शैलजा को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

52 की उम्र में चुनावी राजनीति में

वायनाड से उपचुनाव के जरिये प्रियंका 52 साल की उम्र में चुनावी राजनीति में प्रवेश करेंगी जबकि उनके भाई राहुल ने 32 साल की उम्र में अमेठी का सांसद बन राजनीति शुरू की थी। वैसे प्रियंका का राजनीति में औपचारिक प्रवेश भले ही जनवरी 2019 में कांग्रेस महासचिव पद पर नियुक्ति से हुआ हो लेकिन वे रायबरेली और अमेठी सीटों पर चुनाव में अपनी मां साेनिया गांधी और भाई राहुल का प्रचार अभियान संभालती रही हैं। प्रियंका ने दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज से ग्रेजुएशन और ‘बुद्धा स्टडीज’ में मास्टर्स किया है।

प्रियंका ने जताई खुशी, जानिए क्या कहा

प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मुझे वायनाड की नुमाइंदगी के योग्य समझा गया, मैं वहां राहुल की अनुपिस्थति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं अच्छा प्रतिनिधि बनने और लोगों की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करुंगी। मैं नर्वस नहीं हूं।

कांग्रेस की व्यापक रणनीति

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव क्षेत्रों को चुनने के पीछे कांग्रेस पार्टी की रणनीति महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी ने रायबरेली और प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड को चुनने के पीछे कई राजनीतिक और रणनीतिक कारण हो सकते हैं। कुल मिलाकर, राहुल गांधी का रायबरेली से और प्रियंका गांधी वाड्रा का वायनाड से चुनाव लड़ने का निर्णय कांग्रेस की एक सोच-समझकर बनाई गई रणनीति का हिस्सा है, जो पार्टी की अखिल भारतीय उपस्थिति को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाने के उद्देश्य से है।

स्थानीय और राष्ट्रीय संतुलन

कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके प्रमुख नेता विभिन्न क्षेत्रों से चुनाव लड़ें, जिससे पार्टी की उपस्थिति और प्रभाव देशभर में महसूस हो सके। यह रणनीति पार्टी के समर्थकों को एकजुट करने और नए समर्थकों को आकर्षित करने में सहायक हो सकती है।

सुरक्षित और चुनौतीपूर्ण सीटें

राहुल गांधी को सुरक्षित सीट से और प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनौतीपूर्ण और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीट से चुनाव लड़वाना एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है।

प्रचार और समर्थन

दोनों नेताओं का अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ना पार्टी के प्रचार अभियान को विस्तारित करने में सहायक होगा। इससे वे अधिक से अधिक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकेंगे और पार्टी के लिए समर्थन जुटा सकेंगे।

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