29.1 C
New Delhi
Thursday, September 12, 2024
spot_img
HomeबिजनेसIndian Spices: भारतीय मसालों को पूरी दुनिया में डंका, निर्यात रिकॉर्ड पहुंचा...

Indian Spices: भारतीय मसालों को पूरी दुनिया में डंका, निर्यात रिकॉर्ड पहुंचा 4.46 अरब डॉलर

Indian Spices: भारतीय मसालों और उनके उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 4.46 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह उपलब्धि भारतीय मसाला उद्योग और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

Indian Spices: भारतीय मसालों और उनके उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड 4.46 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह उपलब्धि भारतीय मसाला उद्योग और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मसाला बोर्ड के जारी आंकड़ों के मुताबिक निर्यात किए जाने वाले मसालों की मात्रा और कीमतों, खासकर लाल मिर्च, इलायची और हल्दी में इस बढ़ोतरी के कारण निर्यात से आय में बढ़ोतरी हुई है। भारत का मसाला निर्यात 4.46 अरब डॉलर तक पहुंचना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो भारतीय कृषि और व्यापार नीतियों की सफलता को दर्शाता है। इसके साथ ही, यह किसानों के जीवन में सुधार और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक है। भविष्य में भी इस क्षेत्र में और वृद्धि की संभावनाएं हैं, जिसके लिए निरंतर प्रयास और नवाचार आवश्यक होंगे।

निर्यात रिकॉर्ड पहुंचा 4.46 अरब डॉलर

मसाला बोर्ड ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश से 15,39,692 टन मसालों का निर्यात हुआ था जिनकी कीमत 36,958.80 करोड़ रुपए (4.46 अरब डॉलर) है। सबसे ज्यादा लाल मिर्च की डिमांड बढ़ी है। लाल मिर्च का निर्यात रिकॉर्ड 1.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2022-23 के 1.3 अरब डॉलर से 15 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार से देश के कुल मसाला निर्यात का 34 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा चीन और बांग्लादेश में इसकी मांग बढ़ी है। लाल मिर्च का निर्यात 5.24 लाख टन से 15 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 6.01 लाख टन पर हो गया है।

लाल मिर्च का सबसे बड़ा आयातक चीन

केडिया एडवाइजरी के मुताबिक, भारत की लाल मिर्च को सबसे बड़ा चीन ने खरीदा है। पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1.79 लाख टन मिर्च खरीदा है। इसका कुल मूल्य 4,123 करोड़ रुपए था। बीते वित्त वर्ष 2022-23 में चीन ने 3,408 करोड़ रुपए की 1.57 लाख टन लाल मिर्च का आयात किया था। वहीं, बांग्लादेश की बात करें तो इस देश में लाल मिर्च का निर्यात 67 प्रतिशत बढ़कर 90,570 टन हो गया है। बीते वित्त वर्ष 2022-23 में यह 53,986 टन था।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

मसाला निर्यात से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। किसानों की आय में वृद्धि: मसालों के निर्यात में वृद्धि से किसानों की आय में सुधार हुआ है और उनका जीवन स्तर बेहतर हुआ है। मसाला उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास हुआ है।

प्रमुख कारक

उत्पादन में वृद्धि

भारत में मसालों की खेती और उत्पादन में वृद्धि हुई है। उच्च गुणवत्ता वाले मसालों का उत्पादन बढ़ा है, जिससे निर्यात बढ़ा है। काली मिर्च, अदरक, हल्दी, जीरा, धनिया और मिर्च जैसे मसालों की मांग में वृद्धि हुई है।

बाजार विविधीकरण

भारतीय मसालों के लिए नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की पहचान और वहां निर्यात को बढ़ावा दिया गया है। पारंपरिक बाजारों के अलावा यूरोप, अमेरिका, मध्य पूर्व और एशिया के अन्य देशों में भी निर्यात बढ़ा है।

गुणवत्ता और प्रमाणन

भारतीय मसालों की गुणवत्ता में सुधार और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रमाणन प्राप्त करने के प्रयास किए गए हैं। भारतीय मसालों की शुद्धता, स्वाद और औषधीय गुणों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

सरकारी पहल

सरकार ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और नीतियां लागू की हैं। किसानों को नई तकनीकों और आधुनिक खेती के तरीकों से प्रशिक्षित किया गया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है।

प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन

मसालों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर जोर दिया गया है, जिससे उच्च मूल्य वाले उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। मसाला पाउडर, एक्सट्रैक्ट और तेल जैसे उत्पादों का निर्यात भी बढ़ा है।

RELATED ARTICLES
New Delhi
mist
29.1 ° C
29.1 °
29.1 °
89 %
2.1kmh
75 %
Wed
28 °
Thu
25 °
Fri
24 °
Sat
25 °
Sun
35 °

Most Popular