Manmohan Singh Funeral: पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व विख्यात अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी विदाई तिरंगे झंडे में लिपटे हुए और पूरे राजकीय सम्मान के साथ होना इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्र के प्रति अतुलनीय योगदान दिया। डॉ. सिंह न केवल एक कुशल प्रधानमंत्री थे बल्कि भारत के आर्थिक इतिहास के ऐसे अध्याय के रचयिता भी थे, जिसने देश को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में 1991 के आर्थिक सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर सिख रीति रिवाज के अनुरूप किया गया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी और बेटियां मौजूद रहीं।
Table of Contents
बेटी ने दी मुखाग्नि
निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान उनकी बेटी द्वारा मुखाग्नि देना एक भावुक क्षण था, जो उनके परिवार की गहरी संवेदनाओं को दर्शाता है। तीनों सेनाओं द्वारा दी गई सलामी उनके प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है। डॉ. सिंह की यह विदाई हर भारतीय के लिए एक भावुक और गर्व का पल है। उनका जीवन और योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेता रहे मौजूद
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगम बोध घाट पर किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता व सरकार के मंत्री मौजूद रहे।
तीनों सेनाओ व तीनों सेनाओ की सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति ने दी सलामी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान दिया गया सम्मान उनके असाधारण योगदान को दर्शाता है। तीनों सेनाओं और उनकी सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सलामी देना यह दर्शाता है कि उनका नेतृत्व न केवल राजनीति और अर्थव्यवस्था तक सीमित था, बल्कि उन्होंने देश के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
निगमबोध घाट पर मिलिट्री बैंड की अगुवाई में तीनों सशस्त्र बलों के अधिकारियों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना, राष्ट्र की ओर से उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ओर से दी गई सलामी ने उनकी महानता और राष्ट्र के लिए उनके समर्पण को और अधिक गौरवशाली बना दिया। डॉ. मनमोहन सिंह का यह सम्मानित विदाई समारोह उनके जीवन और कार्यों की गहरी छाप छोड़ने वाला है। उनका नाम और योगदान हमेशा भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज रहेगा।
अंतिम यात्रा के दौरान गूंजते रहे ये नारे
डॉ. मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा के दौरान गूंजते हुए नारे उनकी लोकप्रियता और जनता के दिलों में उनके स्थान को दर्शाते हैं। “जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन सिंह का नाम रहेगा” और “मनमोहन सिंह भारत मां का लाल” जैसे नारे इस बात का प्रतीक हैं कि उन्होंने अपने जीवन और कार्यों से देशवासियों के मन में एक अमिट छाप छोड़ी है। कांग्रेस मुख्यालय से प्रारंभ हुई उनकी अंतिम यात्रा ने उनके राजनीतिक योगदान और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को याद किया। अंतिम संस्कार के दौरान “डॉ. मनमोहन सिंह अमर रहें” और “डॉ साहब अमर रहें” के नारों ने भावनात्मक माहौल को और गहरा बना दिया।
ओम बिरला, अमित शाह, वीके सक्सेना, सोनिया सहित कई नेताओं ने दी अंतिम विदाई
पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा व विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे एवं विदेशी गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी।
यह भी पढ़ें-
Manmohan Singh Death: मनमोहन सिंह के 10 ऐतिहासिक फैसले, जिन्होंने बदली भारत की अर्थव्यवस्था और तकदीर