Delhi New CM Atishi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आतिशी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजनिवास में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। आतिशी अब दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। उनसे पहले स्वर्गीय सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भी दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। आतिशी का दिल्ली की राजनीति में यह कदम महत्वपूर्ण है और उनकी नियुक्ति के साथ महिला नेतृत्व की भूमिका और भी प्रबल हो गई है। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने से पहले आतिशी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद मंगलवार शाम को आतिशी ने केजरीवाल के साथ राज निवास में उपराज्यपाल से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
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5 विधायकों ने भी ली मंत्री पद की शपथ
आतिशी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय, मुकेश अहलावत, इमरान हुसैन, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत ने मंत्री पद की शपथ ली। आतिशी के मंत्रिमंडल में मुकेश अहलावत नया नाम है। बाकी, चार केजरीवाल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। इस मंत्रिमंडल में मुकेश अहलावत नया नाम हैं, जबकि बाकी चार नेता केजरीवाल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। यह नई सरकार दिल्ली की जनता के लिए महत्वपूर्ण बदलावों और विकास की उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रही है।
आतिशी ने छुए केजरीवाल के पैर
आतिशी के शपथग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपस्थित थे। शपथ लेने के बाद, आतिशी ने सम्मान के तौर पर केजरीवाल के पैर छुए। जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार में मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। पुराने मंत्रियों के पास जो विभागों की जिम्मेदारी थी, वे वही जिम्मेदारियां जारी रखेंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि काम पहले की तरह सुचारु रूप से चलता रहे और नई सरकार में स्थिरता बनी रहे। यह निर्णय सरकार की निरंतरता और कार्यप्रणाली को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
केजरीवाल ने बदला लोगो का जीवन : आतिशी
दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे अपने लिए सबसे भावुक क्षण बताया। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को ईमानदारी का प्रतीक मानते हुए कहा कि उनकी मौजूदगी और नेतृत्व ने दिल्ली के लोगों का जीवन बदल दिया है। आतिशी ने यह भी कहा कि उन्होंने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, लेकिन यह पल उनके लिए भावनात्मक है क्योंकि अरविंद केजरीवाल अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। उनका यह बयान केजरीवाल के प्रति उनकी सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है। आतिशी का यह दृष्टिकोण उनके नेतृत्व की भावना और सरकार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
कई शर्तों के साथ केजरीवाल को मिली थी जमानत
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन इस जमानत के साथ कई प्रतिबंध भी लगाए गए थे। इनमें शामिल हैं:
-केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकते।
-किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते।
-केस से संबंधित गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते।
-केस के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
ये प्रतिबंध उनके कार्यों और जिम्मेदारियों को सीमित करते हैं, जिससे उनकी भूमिका में कुछ चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति में आतिशी के मुख्यमंत्री बनने से सरकार की कार्यप्रणाली में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।