Bypoll Results 2025: देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। गुजरात की दो सीटों विसावदर और कादी के अलावा केरल की नीलांबुर, पंजाब की लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल की कालीगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को संबंधित राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। इन चुनावी नतीजों ने जहां आम आदमी पार्टी (AAP) को दोबारा ऊर्जा दी है, वहीं कांग्रेस ने केरल में वापसी का संकेत दिया है। दूसरी ओर बीजेपी और लेफ्ट को कुछ महत्वपूर्ण झटके लगे हैं।
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Bypoll Results 2025: पंजाब में आम आदमी पार्टी का दबदबा बरकरार
पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव AAP विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के कारण कराए गए थे। इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा, जिन्होंने कांग्रेस के पूर्व विधायक भारत भूषण आशु, अकाली दल के उपकार सिंह घुम्मन और बीजेपी के जीवन गुप्ता को हराकर शानदार जीत दर्ज की। इस जीत ने न सिर्फ पंजाब में AAP के दबदबे को बरकरार रखा है, बल्कि पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत आधार भी दे दिया है। इसके साथ ही राज्यसभा में एक सीट खाली हो जाने के कारण अरविंद केजरीवाल के लिए एक संभावित रास्ता भी खुल गया है।
Bypoll Results 2025: गुजरात में बीजेपी को एक ही सीट से संतोष
गुजरात की विसावदर और कादी सीट पर उपचुनाव हुए थे। कादी सीट पर बीजेपी के राजेंद्र चावड़ा ने कांग्रेस के रमेश चावड़ा को 39,452 वोटों से हराया और यह सीट अपने पास बनाए रखी। लेकिन विसावदर में आम आदमी पार्टी ने जोरदार वापसी की।
AAP ने बचाई विसावदर
AAP के गोपाल इटालिया ने बीजेपी के किरीट पटेल को 17,554 वोटों से हराया, जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही और अपनी जमानत तक नहीं बचा सकी। यह सीट पहले AAP के पास थी, लेकिन विधायक के बीजेपी में शामिल होने के बाद उपचुनाव जरूरी हुआ। AAP की जीत ने संकेत दिया है कि गुजरात में कांग्रेस की जगह अब वह बीजेपी के खिलाफ विकल्प बनती जा रही है।
केरल में कांग्रेस की दमदार वापसी, वाम मोर्चा को झटका
केरल की नीलांबुर सीट पर लेफ्ट समर्थित विधायक पीवी अनवर के इस्तीफे के बाद उपचुनाव हुए। अनवर इस बार टीएमसी के टिकट पर मैदान में थे, लेकिन कांग्रेस के आर्यदान शौकत ने उन्हें और लेफ्ट के उम्मीदवार एम. स्वराज को करारी शिकस्त दी। शौकत को 77,737 वोट मिले, जबकि एलडीएफ प्रत्याशी को 66,660 और पीवी अनवर को मात्र 19,760 वोटों से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस की यह जीत 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए एक अहम सियासी संकेत मानी जा रही है।
बंगाल में टीएमसी का वर्चस्व कायम
पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर टीएमसी विधायक नसीरुद्दीन अहमद के निधन के बाद उपचुनाव कराए गए। टीएमसी ने उनकी बेटी अलीफा अहमद को टिकट दिया, जिन्होंने बीजेपी के आशीष घोष को हराकर भारी मतों से जीत दर्ज की।
कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन यहां भी असर नहीं दिखा सका। मुस्लिम बहुल सीट होने के कारण टीएमसी को स्पष्ट लाभ मिला और विपक्ष की केमिस्ट्री काम नहीं कर सकी। यह नतीजा टीएमसी के मजबूत जमीनी नेटवर्क को दिखाता है।
AAP के लिए राहत और रणनीतिक बढ़त
दिल्ली की सत्ता से बाहर होने और कानूनी दबाव के बाद आम आदमी पार्टी के लिए यह उपचुनाव किसी सियासी संजीवनी से कम नहीं हैं। पंजाब और गुजरात में मिली जीत ने पार्टी को पुनर्जीवित किया है और भविष्य के चुनावों में उसे तीसरे विकल्प के रूप में मजबूत किया है।
कांग्रेस को एक सीट, पर सियासी संदेश अहम
कांग्रेस को इन उपचुनावों में सिर्फ केरल की नीलांबुर सीट ही मिली है। पंजाब की लुधियाना सीट, जिसे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीता था, उसे उपचुनाव में गंवाना बड़ा झटका है — खासकर तब जब यह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का क्षेत्र है। बंगाल में भी लेफ्ट के समर्थन के बावजूद कांग्रेस जीत नहीं सकी। बावजूद इसके केरल में जीत से पार्टी को कुछ राहत जरूर मिली है, जो आगामी रणनीति में मदद कर सकती है।
बीजेपी का ‘ऑपरेशन लोटस’ नहीं आया काम
बीजेपी को इन पांच में से सिर्फ एक सीट गुजरात की कादी पर ही सफलता मिली। विसावदर में आम आदमी पार्टी के विधायक को बीजेपी में शामिल करने के बावजूद पार्टी वहां जीत दर्ज नहीं कर सकी, जो उसके लिए रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक झटका है। पंजाब, केरल और बंगाल जैसी अहम राज्यों में हार यह दर्शाती है कि बीजेपी को इन राज्यों में अब भी जमीनी पकड़ मजबूत करने की जरूरत है।
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