Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए इसे साजिश करार दिया है, जबकि एनडीए ने इसे विपक्ष की बौखलाहट बताया है।
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Bihar Politics: मतदाता पुनरीक्षण की जरूरत क्यों पड़ी?
जमुई में पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा, ‘चुनाव में महज दो महीने बचे हैं और अचानक बिना किसी राजनीतिक दल से विचार-विमर्श किए मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। फरवरी में ही नई लिस्ट आई थी, फिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी? 2003 में जब देशभर में नई मतदाता सूची बनी थी, तब इसे तैयार करने में दो साल लगे थे, लेकिन अब ऐसे समय में सूची बनाने की कोशिश हो रही है जब बिहार के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। अधिकारी जान बचाएंगे या मतदाता सूची के लिए कागज मांगेंगे?
Bihar Politics: मतदाता सूची से हटाना एनडीए सरकार की साजिश
उन्होंने आरोप लगाया कि गरीब, वंचित और शोषित वर्ग के लोगों से ऐसे कागजात मांगे जा रहे हैं, जो उनके पास नहीं हैं। तेजस्वी ने इसे एनडीए सरकार की साजिश करार देते हुए कहा कि इसका मकसद गरीबों के नाम मतदाता सूची से हटाना है ताकि बाद में पेंशन और राशन भी बंद किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘जो बुजुर्ग हैं या पलायन कर चुके हैं, उनके लिए क्या व्यवस्था है? यह बहुत गंभीर मसला है। इसी सूची से तो लोकसभा चुनाव हुए थे, फिर केवल बिहार में ही पुनरीक्षण की जरूरत क्यों?’
Bihar Politics: चिराग पासवान पर भी निशाना
तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हमने बिहार में पांच लाख नौकरियां दीं। अगर चिराग में हिम्मत है तो वह एक भी ऐसा व्यक्ति दिखाएं जिससे हमने जमीन लिखवाई हो। उन्होंने चिराग पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जमुई से इतने साल सांसद रहे लेकिन अपना स्थायी कार्यालय तक नहीं खोल सके।
एनडीए का पलटवार
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी, लालू यादव के पुत्र हैं, जिनकी सत्ता के लिए समझौता करने की मानसिकता रही है। जो बिहार के बंटवारे को लेकर कहते थे कि हमारे शव पर बिहार बंटेगा, वही भाजपा द्वारा झारखंड राज्य बनाए जाने पर चुप्पी साध गए।’
विजय कुमार ने तेजस्वी पर किया पलटवार
विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी के वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने वाले बयान पर कहा, ‘जो कानून संसद में पास हुआ है, उसे कैसे फेंक देंगे? यह संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है। ये जंगलराज वाले लोग हैं, जो उन्माद और तुष्टिकरण की राजनीति कर सत्ता में आना चाहते हैं, लेकिन बिहार की जनता ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करती।’ उन्होंने तेजस्वी पर निजी हमला करते हुए कहा कि गरीबों का मसीहा बनने का दिखावा करने वाले लोग चार्टर्ड विमान में बर्थडे मनाते हैं। ऐसे लोग जनता के हितैषी नहीं हो सकते।
विकास और सामाजिक समीकरण पर भी निशाना
बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एम-वाई समीकरण की बात करते हैं, लेकिन उनके 15 साल के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया गया? उन्होंने कहा, कितने मदरसे बनाए गए, कितने अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई, कितने छात्रावास बनाए गए? यह सिर्फ जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं, जबकि हमारे नेता नीतीश कुमार विकास की बात करते हैं।
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