Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज हो चुकी है। इस बीच चुनाव आयोग ने सूबे के आठ क्षेत्रीय दलों को उनके चुनाव चिह्न (सिंबल) आवंटित कर दिए हैं। इनमें से कई दलों को उनका पुराना सिंबल वापस मिला है, जिससे न सिर्फ उनकी पहचान मजबूत होगी बल्कि चुनावी प्रचार में भी एकरूपता बरकरार रह सकेगी। पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को जहां एक बार फिर नाव चुनाव चिह्न मिल गया है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को गैस सिलेंडर सिंबल स्थायी रूप से आवंटित किया गया है। इसके साथ ही प्रशांत किशोर की नई राजनीतिक पार्टी जन सुराज पार्टी को स्कूल बैग चिह्न यथावत मिला है।
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Bihar Elections: भावनात्मक लगाव और चुनावी लाभ
वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि नाव चुनाव चिह्न से पार्टी का भावनात्मक जुड़ाव रहा है। उन्होंने इसे “भीमराव अंबेडकर के संविधान की जीत” करार दिया। बता दें कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को पर्स चिह्न मिला था, लेकिन आयोग की प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद पुराना चुनाव चिह्न वापस मिलना पार्टी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। उल्लेखनीय है कि वीआईपी इस बार महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वामदल) के साथ चुनाव लड़ेगी।
Bihar Elections : कुशवाहा की पार्टी को स्थायी पहचान
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश महासचिव राम पुकार सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग के इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। गैस सिलेंडर सिंबल को अब सभी सीटों पर प्रयोग किया जा सकेगा, जिससे पार्टी की पहचान मजबूत होगी।
Bihar Elections: प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की रणनीति
राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को स्कूल बैग सिंबल फिर से मिला है। यह पार्टी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पीके पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी किसी भी अन्य दल से गठबंधन नहीं करेगी। प्रशांत किशोर की पार्टी लगातार जनसभाएं और नुक्कड़ सभाओं के ज़रिए जनता से सीधा संवाद कर रही है। वे अपने जन सुराज रोडमैप के जरिए लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी पार्टी मौजूदा राजनीतिक विकल्पों से अलग कैसे है।

प्रशांत किशोर की पदयात्रा से पार्टी गठन तक
2 अक्टूबर 2022 को गांधी जयंती के अवसर पर पीके ने जन सुराज पदयात्रा शुरू की थी। दो वर्षों में उन्होंने राज्य के कोने-कोने का दौरा किया और जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं और आकांक्षाओं को जाना। इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज पार्टी की नींव रखी।
किन पार्टियों को कौन-सा सिंबल मिला?
पार्टी का नाम | चुनाव चिह्न |
---|---|
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) | नाव |
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) | गैस सिलेंडर |
जन सुराज पार्टी | स्कूल बैग |
भारतीय सार्थक पार्टी | कैंची |
लोहिया जनता दल | बाल्टी |
जन सहमति पार्टी | लेडीज पर्स |
भारतीय जनता समाजसेवी पार्टी | बांसुरी |
राष्ट्रीय समाजवादी लोक अधिकार पार्टी | अंगूठी |
चुनाव आयोग का बड़ा कदम
निर्वाचन आयोग ने इन पार्टियों के आवेदन स्वीकार करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। अब इन दलों को हर विधानसभा क्षेत्र में एक समान सिंबल मिलेगा और उनके उम्मीदवारों को प्रचार-प्रसार में स्पष्ट पहचान का लाभ मिलेगा। आयोग के इस फैसले से इन क्षेत्रीय दलों की चुनावी तैयारियों को नया बल मिला है। बिहार चुनाव 2025 में क्षेत्रीय दलों की भूमिका निर्णायक हो सकती है। ऐसे में सिंबल की स्थायीत्वता न सिर्फ दलों की पहचान बनाएगी बल्कि मतदाताओं के बीच भरोसे को भी मजबूत करेगी। चुनाव आयोग का यह फैसला दलों की रणनीति को स्पष्ट दिशा देने वाला साबित होगा।
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