Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी किए गए 1.12 लाख करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ‘कारण बताओ नोटिस’ पर रोक लगा दी है, जिससे इस सेक्टर को अस्थायी राहत मिली है। इन नोटिसों के तहत ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से 1.12 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी वसूलने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) द्वारा जारी किए गए सभी नोटिसों पर रोक लगा दी है और मामले के अंतिम निपटारे तक कोई भी आगे की कार्यवाही करने से मना कर दिया है।
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ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को बड़ी राहत
यह रोक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि उन्हें अब तक इन नोटिसों का जवाब देने और भारी जुर्माने का सामना नहीं करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का दखल: कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मामला अंतिम रूप से निपटाया जाने तक किसी भी प्रकार की आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी। जीएसटी वसूली के इस विवाद के केंद्र में यह सवाल है कि ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी से जुड़े उद्योगों पर जीएसटी की दर क्या होनी चाहिए और इन्हें कैसे वर्गीकृत किया जाए।
1.12 लाख करोड़ के GST नोटिस पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 1.12 लाख करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ‘कारण बताओ नोटिस’ पर रोक लगा दी, जिससे इस सेक्टर को अस्थायी राहत मिली है। इन नोटिसों के माध्यम से डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से 1.12 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी वसूलने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने मामले के अंतिम निपटारे तक इन नोटिसों के संबंध में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि इन कंपनियों को इस समय कोई जुर्माना या अन्य कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस आदेश से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को अस्थायी राहत मिली है, जिससे इस सेक्टर को भारी वित्तीय दबाव से बचने का मौका मिला है।
18 मार्च को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम सुनवाई 18 मार्च को तय की है। इस दिन अदालत मामले का पूरा विश्लेषण करेगी और इसके बाद अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। फैसले के बाद, डेल्टा कॉर्प और नाजारा टेक जैसी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई। इस आदेश ने कंपनियों के निवेशकों के बीच सकारात्मक भावना पैदा की है, जिससे इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में तेजी आई।
ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) ने फैसले का का स्वागत
ईजीएफ के सीईओ अनुराग सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत का स्वागत किया है।उन्होंने कहा कि यह सरकार और गेमिंग ऑपरेटरों दोनों के लिए फायदेमंद है। सक्सेना ने यह भी कहा कि गेमिंग ऑपरेटरों को जो पहले जबरी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा था, अब उन्हें राहत मिली है। इसके अलावा, सरकार को अब और समय मिलेगा, जिससे वह इस मुद्दे पर सही तरीके से विचार कर सके। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस मामले का निष्पक्ष और प्रगतिशील समाधान होने के बाद, गेमिंग सेक्टर में निवेश, रोजगार और वैल्यूएशन को अपनी पूर्ण क्षमता तक बढ़ने का मौका मिलेगा।
71 नोटिस जारी किए गए
डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) ने 2023 में गेमिंग कंपनियों को 71 नोटिस भेजे। इन नोटिसों में आरोप लगाया गया कि इन कंपनियों ने 2022-23 और 2023-24 के पहले सात महीनों के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी चोरी किया है। इन आंकड़ों में ब्याज और जुर्माना शामिल नहीं किया गया है, जो कि जीएसटी चोरी की राशि पर लागू हो सकते हैं, यदि यह आरोप साबित होते हैं।
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