41 C
New Delhi
Thursday, May 15, 2025
HomeदेशEVM-VVPAT Verification: EVM से ही होगी वोटिंग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की...

EVM-VVPAT Verification: EVM से ही होगी वोटिंग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की VVPAT पर्ची से मिलान की मांग वाली सभी याचिकाएं

EVM-VVPAT Verification: कोर्ट ने VVPAT के साथ EVM के 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही चुनावी प्रक्रिया से जुड़े सभी प्रश्नों का समाधान हो गया है। बता दें कि बुधवार को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

EVM-VVPAT Verification: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान के बाद निकलने वाली हर वीवीपैट स्लिप को मिलान करने की मांग को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने पूरी तरह से सत्यापन की सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

बता दें कि कोर्ट ने VVPAT के साथ EVM के 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही चुनावी प्रक्रिया से जुड़े सभी प्रश्नों का समाधान हो गया है। बता दें कि बुधवार को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई थी। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पेपर बैलेट की मांग को भी किया खारिज:

सुप्रीम कोर्ट ने अर्जियों की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से पूछा कि क्या वे ईवीएम में डाले गए वोटों और उससे निकलने वाली सभी वीवीपैट स्लिप को मिला सकते हैं? इस पर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कोर्ट को बताया कि ऐसा करने से नतीजा आने में बारह दिन लग सकते हैं।

इसके साथ ही कोर्ट ने फैसला सुनाते समय पेपर बैलेट की मांग को भी मंजूरी नहीं दी है| सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से ही वोटिंग करने का निर्णय लिया है, लेकिन यह भी कहा कि चुनाव में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहने वाला कोई कैंडिडेट 5 प्रतिशत ईवीएम की जांच कर सकता है।

हालांकि शिकायत करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी जांच का खर्च उठाना होगा। अदालत ने कहा कि वीवीपैट स्लिप को मतदान के बाद कम से कम पैंतालीस दिनों तक सुरक्षित रखना होगा। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से किसी विवाद की स्थिति में ईवीएम में पड़े वोटों को उसके साथ मिलान किया जा सकेगा|

कोर्ट ने विशिष्ट आदेश दिए:

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए निर्देश दिए हैं कि ईवीएम में सिंबल लोडिंग पूरी होने पर, सिंबल लोडिंग इकाई को कंटेनरों में सुरक्षित रखना चाहिए। मुहर पर उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों का हस्ताक्षर होने चाहिए। SLU वाले सीलबंद कंटेनरों को नतीजों की घोषणा के 45 दिनों तक स्टोर रूम में ईवीएम के साथ रखा जाएगा। इन्हें ईवीएम की तरह सील बंद और खोला जाना चाहिए।

ऐसी स्थिति में जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा:

कोर्ट ने अपने दूसरे निर्देश में कहा कि प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में घोषणा के बाद ईवीएम बनाने वाले इंजीनियरों की एक टीम जांच और सत्यापन करेगी। चुनाव में दूसरे या तीसरे स्थान पर रहने वाला कोई उम्मीदवार लिखित शिकायत करता है तो परिणाम घोषित होने के सात दिनों के भीतर जांच होनी चाहिए।

उस स्थिति में जांच का खर्च उम्मीदवार द्वारा उठाया जाएगा। अगर ईवीएम से कोई छेड़-छाड़ करता है या चोरी होने पर खर्चा वापस किया जाएगा। चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वोटों की पर्चियों की गिनती के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन के सुझाव की जांच करे और क्या प्रत्येक पार्टी को चुनाव चिन्ह के साथ-साथ एक बार कोड मिल सकता है |

सुप्रीम कोर्ट ने दिया विशिष्ट सुझाव:

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वीवीपैट गिनती में मशीन की मदद लेने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा जांच अनुरोध परिणाम घोषित होने के सात दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। वीवीपैट की गिनती के मुद्दे पर दो जजों की पीठ ने समवर्ती लेकिन अलग-अलग निर्णय दिए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर वेरिफिकेशन की मांग करने वाले कोई प्रत्याशी को ही जांच में लगने वाली लागत को वहन करना होगा| साथ ही अगर ईवीएम में कोई छेड़छाड़ होती है तो उसे लागत वापस की जाएगी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने चुनाव आयोग (EC) के वरिष्ठ अधिकारी को दोपहर 2 बजे अदालत में उपस्थित होने के लिए भी कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछे थे ये सवाल:

जैसा की ज्ञात है अंतिम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (EC) से चार महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे थे।

—वीवीपैट में माइक्रो कंट्रोलर लगा होता है या कंट्रोलिंग यूनिट में?

—क्या एक माइक्रो कंट्रोलर एक बार में बनाया जा सकता है?

—चुनाव चिन्ह अंकित करने के लिए आयोग के पास कितने यूनिट उपलब्ध हैं?

—चुनाव याचिका दायर करने की अवधि तीस दिन है और स्टोरेज और रिकॉर्ड की अवधि चालीस दिन है। लेकिन इसकी सीमा 45 दिन ही है, इसलिए इसे ठीक करना होगा।

नतीजे के 7 दिन के अंदर शिकायत कर सकेंगे, जांच कैसे होगी?

अदालत ने यह भी कहा कि मतगणना के बाद भी वीवीपैट, बैलेट रूम और कंट्रोल रूम सुरक्षित रहेंगे। दूसरे या तीसरे नंबर के प्रत्याशी नतीजा आने के 7 दिनों के अंदर उनके मिलान या जांच की मांग कर सकते हैं । मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के इंजीनियर्स उनके आवेदन की जांच करेंगे।

RELATED ARTICLES
New Delhi
clear sky
41 ° C
41 °
41 °
13 %
2.6kmh
4 %
Thu
44 °
Fri
45 °
Sat
45 °
Sun
45 °
Mon
45 °

Most Popular