PM Modi: लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी की ‘खटाखट’ योजना ने काफी सुर्खियां बटोरीं और इसके बारे में राजनीतिक मंचों पर अभी भी चर्चा होती रहती है। यह योजना कांग्रेस द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में पेश की गई थी, जिसमें लोगों को 8,500 रुपए हर महीने की किस्त देने का वादा किया गया था। चुनाव समाप्त होने के बाद, कांग्रेस कार्यालय के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी, जो इस योजना के तहत निर्धारित राशि प्राप्त करने के लिए उत्सुक थे। यह दृश्य कांग्रेस की लोकप्रियता और इस योजना के प्रति जनता के उत्साह को दर्शाता है। हालांकि, इस योजना के प्रभाव और इसकी व्यावहारिकता पर राजनीतिक बहस अभी भी जारी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस ने चुनावी रणनीति में वित्तीय सहायता को एक प्रमुख मुद्दा बनाया था।
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कांग्रेस नेता कंफ्यूज
हालांकि, कांग्रेस के नेताओं ने जनता को यह स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘खटाखट’ योजना को लागू करने में कठिनाई आ रही है क्योंकि उनकी सरकार केंद्र में नहीं बनी। इसका मतलब यह था कि वे योजना के तहत लाभ प्रदान करने में असमर्थ थे। कांग्रेस ने इस स्थिति का हवाला देते हुए बताया कि केंद्र में उनकी सरकार नहीं होने के कारण, आवश्यक बजटीय आवंटन और नीति बनाने की प्रक्रिया में बाधा आ गई है। इससे जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाईं, जिसके चलते कई लोग असंतुष्ट महसूस कर रहे थे। इस स्थिति ने कांग्रेस के नेताओं को यह समझाने का अवसर दिया कि चुनावी वादे लागू करने के लिए सत्ता में होना आवश्यक है, और इसने पार्टी के भीतर आंतरिक चुनौतियों और जिम्मेदारियों पर भी ध्यान आकर्षित किया।
पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक
लोक-लुभावन वादों के साथ कई राज्यों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इन वादों का मुख्य उद्देश्य वोटरों को आकर्षित करना है, लेकिन इससे सरकारी खजाने पर संभावित प्रभाव के बारे में पार्टियों द्वारा ज्यादा विचार नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस की ‘खटाखट स्कीम’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने इसे एक राजनीतिक रणनीति के रूप में पेश करते हुए तंज किया कि ऐसे वादों से केवल वोट बटोरने का प्रयास किया जा रहा है, बिना यह सोचे कि ये योजनाएँ कैसे लागू होंगी और इनके लिए धन की व्यवस्था कैसे की जाएगी।
अब मजदूरों को हर महीने मिलेगी 26,910 रुपये तक
कांग्रेस के ‘खटाखट स्कीम’ का लाभ पाने के लिए जहां जनता अभी तक राह देख रही है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे देश के मजदूरों को दीपावली से पहले बड़ा तोहफा मिलने वाला है। अब हर महीने मजदूरों के हाथ में 26,000 रुपये आएंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
न्यूनतम मजदूरी दर 1,035 रुपये
मोदी सरकार ने श्रमिकों के लिए वेरिएबल डियरनेस अलाउंस (वीडीए) में संशोधन करते हुए न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर 1,035 रुपये प्रति दिन करने का ऐलान किया है। यह निर्णय मजदूरों के लिए एक मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब विपक्षी दलों ने अपने गारंटी वादों को प्रचारित किया है। वहीं, अर्धकुशल यानी सेमी स्किल्ड श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की दर 868 रुपए प्रतिदिन निर्धारित की गई है। इस लिहाज से उन्हें हर महीने 22,568 रुपए की कमाई होगी।
जाने क्या है कैलकुलेशन
स्किल्ड वर्कर जो कुशल श्रमिक हैं, जैसे लिपिक या बिना हथियार वाले कामगार, उनकी न्यूनतम मजदूरी को 954 रुपए प्रतिदिन निर्धारित कर दी गई है, जो हर महीने के हिसाब से देखें तो 24,804 रुपए होगी। इसके साथ ही अत्यधिक कुशल श्रमिकों को प्रतिदिन 1,035 रुपए और महीने के 26,910 रुपए मिलेंगे। यह नई न्यूनतम मजदूरी दर वीडीए में संशोधन के साथ लागू करने का ऐलान किया गया है।