PM Modi address nation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार रात दिया गया राष्ट्र के नाम संबोधन इतिहास में दर्ज हो चुका है – एक ऐसे क्षण के रूप में जब भारत ने दुनिया के सामने अपनी बदली हुई सैन्य नीति का ऐलान किया। यह भाषण सिर्फ़ एक प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया नहीं थी, यह एक नए भारत का एलान था – वो भारत जो अब सिर्फ़ जवाब नहीं देगा, पहल भी करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण न सिर्फ़ एक औपचारिक वक्तव्य था, बल्कि यह आने वाले दशक की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति (National Security Policy) की घोषणा थी। यह भाषण एक निर्णायक मोड़ है—जिसने ये स्पष्ट कर दिया है कि अब भारत की नीति ‘न तो सहन करेंगे और न ही छोड़ेंगे’ के सिद्धांत पर चलेगी। युद्ध की परिभाषा अब बदल चुकी है। पहले युद्ध सीमाओं पर लड़ाई तक सीमित था, अब यह सीमाओं के पार आतंक के अड्डों को ध्वस्त करने का अभियान बन चुका है।
प्रधानमंत्री ने जब कहा कि ‘हमने उन आतंकवादियों को मिटा दिया, जिन्होंने हमारी बहनों-बेटियों का सिंदूर मिटाया था,‘ तो ये सिर्फ़ एक भावनात्मक पंक्ति नहीं थी, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश था – अब भारत आतंक की कीमत दुश्मन के घर में घुसकर वसूलेगा। यही ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)‘ की आत्मा है।
नरम भारत अब इतिहास बन चुका है
मोदी सरकार ने यह संदेश दिया है कि अब वह भारत नहीं रहा जो हमले सहकर कड़े शब्दों में निंदा करता था। यह ‘न्यू इंडिया (New India)’ है, जो आतंकियों के लिए नरक है और उनके आका पाकिस्तान के लिए हर मोर्चे पर हार की पटकथा।
जब पाकिस्तान की सेना के वरिष्ठ अधिकारी मारे गए आतंकियों को अंतिम विदाई देने आए, तो यह सबूत था कि आतंक अब सिर्फ़ कुछ संगठन नहीं, बल्कि एक सरकारी नीति बन चुका है। और भारत अब आतंकियों और उनके पालकों में कोई फर्क नहीं करेगा।
खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते
प्रधानमंत्री ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) का ज़िक्र कर पाकिस्तान को साफ़ चेतावनी दी – अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। यह एक बड़ी कूटनीतिक घोषणा है। अब यह सिर्फ़ एक नारा नहीं, नीति बन चुका है। अब भारत, पाकिस्तान के साथ केवल एक मुद्दे पर बात करेगा—आतंकवाद और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) पर।
शब्दों की नहीं, शक्ति की भाषा बोलेगा भारत
यह युग संवाद का नहीं, संकल्प का है। मोदी का भाषण बताता है कि भारत अब दुनिया को सिर्फ़ विचारों से नहीं, बल्कि ड्रोन, मिसाइल और स्पेशल फोर्स ऑपरेशंस के जरिए जवाब देगा।
उन्होंने साफ़ कर दिया कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग से डरने वाला नहीं है। उन्होंने इस भ्रम को तोड़ा कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के बल पर भारत को आतंक सहने पर मजबूर कर सकता है।
मेड इन इंडिया की हुंकार
ऑपरेशन सिंदूर ने एक और संदेश दिया – अब भारत के हथियार भी भारतीय हैं और पराक्रम भी। मेड इन इंडिया (Made in India) रक्षा प्रणाली की सटीकता ने न केवल आतंक के ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान की वायु सेना के गर्व को भी धूल में मिला दिया।
सीज़फायर नहीं, अगली रणनीति का इंतज़ार है
जो लोग मान बैठे हैं कि भारत ने पाकिस्तान से समझौता कर लिया, वे गलती कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा – यह संघर्ष स्थगित (Postponed) हुआ है, समाप्त नहीं। इसका मतलब है कि भारत अब अपनी अगली कार्रवाई के लिए पाकिस्तान के हर कदम को मापेगा। और यदि फिर से आतंक की कोई हरकत होती है, तो भारत की प्रतिक्रिया कहीं अधिक घातक होगी।
बुद्ध पूर्णिमा का संदेश: शांति, ताकत के मार्ग से आती है
बुद्ध पूर्णिमा के दिन मोदी ने एक बहुत गहरी बात कही – शांति, ताकत के मार्ग से आती है। यही भारत की नीति होनी चाहिए। यह दुनिया के लिए भी एक चेतावनी है कि आतंक के विरुद्ध शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) ही टिकाऊ शांति का आधार है।
भारत अब नीति से नहीं, नीयत और पराक्रम से चलेगा
मोदी का भाषण केवल शब्दों का पुलिंदा नहीं था, यह 21वीं सदी की भारतीय सैन्य और कूटनीतिक रणनीति (Strategic Doctrine) की घोषणा थी। यह एक स्पष्ट परिवर्तन है—रक्षात्मक नीति से आक्रामक सुरक्षा नीति तक।
अब भारत केवल शांति की बातें नहीं करेगा, बल्कि वह ताकतवर बनकर आतंक को कुचलेगा। भारत अब दुश्मन की चालों का इंतज़ार नहीं करता, बल्कि उनके गढ़ में घुसकर उन्हें खत्म करता है।
अब युद्ध सिर्फ़ युद्ध नहीं है, यह न्याय है। और इस नए युद्ध की परिभाषा—“ऑपरेशन सिंदूर” और मोदी का भाषण – ने तय कर दी है।
जय हिंद!

Operation Sindoor
भाइयों, ये कोई शांति मिशन नहीं था – ये पाकिस्तान को दी गई सीधी चेतावनी थी!
भारत की तयशुदा कार्रवाई और सेना की रणनीति ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। अब आतंकी हरकतें नहीं, सीधे युद्ध का जवाब मिलेगा!
विस्तार से पढ़ें: गिरिराज शर्मा की दमदार और राष्ट्रवादी टिप्पणी।
https://hindi.bynewsindia.com/india/india-pak-ceasefire-why-pakistan-surrendered-dgmo-meeting-on-12-may-2025/
अब नया भारत है – जो पहले सहता था, अब सीधा जवाब देता है।
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