Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद सोमवार को हिंसा में तब्दील हो गया। महाल और हंसपुरी समेत कई इलाकों में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और नागरिक घायल हुए। उग्र भीड़ ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया और दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने अब तक 65 से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
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Nagpur Violence: हिंसा की शुरुआत
सोमवार शाम करीब 7:30 बजे महाल इलाके के चिटनिस पार्क के पास पहली झड़प हुई। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और कुछ वाहनों को आग लगा दी। इसके बाद, देर रात 10:30 से 11:30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड स्थित हंसपुरी इलाके में दूसरी झड़प हुई, जिसमें भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस के अनुसार, यह हिंसा औरंगजेब के मकबरे को ध्वस्त करने की मांग के चलते हुई। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने नागपुर में प्रदर्शन किया था, जिसके कुछ ही घंटों बाद यह हिंसा भड़क उठी।
Nagpur Violence: पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
नागपुर पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया। डीसीपी (ट्रैफिक) अर्चित चांडक ने बताया कि हिंसा अफवाहों के कारण फैली, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने भी हालात नियंत्रण में होने का दावा किया है।
Nagpur Violence: सीएम फडणवीस की शांति बनाए रखने की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नागपुर एक शांतिप्रिय शहर है और नागरिकों को प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
Nagpur Violence: डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बयान
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंसा को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित घटना है और जो भी इसमें शामिल हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि राज्य सरकार उपद्रवियों को किसी भी सूरत में बख्शेगी नहीं।
Nagpur Violence: राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
शिवसेना प्रवक्ता आनंद दुबे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है। कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी चिंता जाहिर की और कहा कि नागपुर की संस्कृति हिंसा की नहीं है। उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की।
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Nagpur Violence: 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू, भारी पुलिस बल तैनात
नागपुर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है, और शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और प्रशासन का सहयोग करें। इस हिंसा ने शहर में तनाव का माहौल बना दिया है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने का प्रयास कर रहा है।
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