30.6 C
New Delhi
Monday, July 21, 2025
Homeदेशनहीं रहे परमाणु वैज्ञानिक MR श्रीनिवासन, PM मोदी ने जताया शोक, कहा–...

नहीं रहे परमाणु वैज्ञानिक MR श्रीनिवासन, PM मोदी ने जताया शोक, कहा– उनका योगदान देश हमेशा याद रखेगा

MR Srinivasan: परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन का तमिलनाडु के उधगमंडलम में निधन हो गया।

MR Srinivasan: प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक और भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एमआर श्रीनिवासन का मंगलवार को तमिलनाडु के उधगमंडलम में निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत देशभर की तमाम हस्तियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। डॉ. श्रीनिवासन को भारत के नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का प्रमुख शिल्पकार माना जाता है। उनका वैज्ञानिक योगदान पांच दशकों से भी अधिक लंबा और प्रभावशाली रहा।

MR Srinivasan: ऐसे हुई करियर की शुरुआत

डॉ. श्रीनिवासन ने सितंबर 1955 में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने डॉ. होमी भाभा के साथ मिलकर भारत के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर ‘अप्सरा’ के निर्माण में अहम भूमिका निभाई, जिसका शुभारंभ अगस्त 1956 में हुआ था। इसके बाद 1959 में उन्हें देश के पहले परमाणु ऊर्जा स्टेशन के लिए प्रधान परियोजना इंजीनियर नियुक्त किया गया।

MR Srinivasan: न्यूक्लियर पावर बोर्ड के बने अध्यक्ष

1967 में उन्होंने मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (MAPS) के मुख्य परियोजना इंजीनियर के रूप में कार्यभार संभाला, जिसने भारत की आत्मनिर्भर परमाणु ऊर्जा क्षमताओं की नींव रखी। 1974 में वे डीएई के पावर प्रोजेक्ट्स इंजीनियरिंग डिवीजन के निदेशक बने और फिर 1980 के दशक में न्यूक्लियर पावर बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किए गए।

MR Srinivasan: कार्यकाल में 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयों का विकास

1987 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव बनाया गया। उसी वर्ष वे न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के संस्थापक अध्यक्ष भी बने। उनके नेतृत्व में देश में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण और संचालन को नई दिशा मिली। उनके कार्यकाल में 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयों का विकास हुआ, जिनमें से सात चालू हो चुकी थीं, सात निर्माणाधीन थीं और चार योजना चरण में थीं।

डॉ. श्रीनिवासन को विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्होंने देश को न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया, बल्कि युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बने।

श्रीनिवासन ने परिवार ने जारी किया बयान

डॉ. श्रीनिवासन की बेटी शारदा श्रीनिवासन ने परिवार की ओर से जारी बयान में कहा, दूरदर्शी नेतृत्व, तकनीकी प्रतिभा और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। डॉ. श्रीनिवासन का निधन भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी इतिहास में एक युग के अंत का प्रतीक है। उन्होंने जो स्थायी विरासत छोड़ी है, वह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की राह को और भी मजबूत बनाती है।

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. श्रीनिवासन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के दिग्गज डॉ. एमआर श्रीनिवासन के निधन से बहुत दुख हुआ। महत्वपूर्ण परमाणु अवसंरचना के विकास में उनकी भूमिका हमारे आत्मनिर्भर ऊर्जा क्षेत्र की आधार रही है। उन्होंने आगे लिखा, उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रेरक नेतृत्व के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा दिया और कई युवा वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन प्रदान किया। भारत उनके योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेगा।

राजनाथ सिंह और पुष्कर सिंह धामी ने भी दी श्रद्धांजलि

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी डॉ. श्रीनिवासन को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके दूरदर्शी नेतृत्व और अप्रतिम योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में जो उपलब्धियां प्राप्त कीं, वे देश की वैज्ञानिक प्रगति की आधारशिला बनीं। उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

यह भी पढ़ें:-

पाकिस्तानी जासूसों के नेटवर्क पर शिकंजा, अबतक 3 राज्यों से 12 आरोपी अरेस्ट

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
broken clouds
30.6 ° C
30.6 °
30.6 °
63 %
3.1kmh
57 %
Mon
32 °
Tue
34 °
Wed
37 °
Thu
38 °
Fri
36 °

Most Popular