Pakistani Spy: भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय एजेंसियों ने देशभर में पाकिस्तानी जासूसों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से कुल 12 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने और भारतीय सैन्य जानकारी साझा करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
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हरियाणा से गिरफ्तारियां
Pakistani Spy: 1 ज्योति मल्होत्रा:
हरियाणा के हिसार से मशहूर महिला YouTuber ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया है। वह ‘Travel with JO’ नाम से यात्रा ब्लॉगिंग चैनल चलाती थीं। पुलिस जांच में सामने आया है कि ज्योति को पाक उच्चायोग में कार्यरत दानिश नामक एक व्यक्ति ने हनीट्रैप में फंसाया। दानिश के ISI से जुड़े होने का शक है। आरोप है कि ज्योति ने गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान को भेजीं।
Pakistani Spy: 2 देवेंद्र सिंह:
कैथल जिले के मस्तगढ़ चीका गांव का रहने वाला देवेंद्र सिंह पंजाब में राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहा था। पुलिस का कहना है कि वह पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान तीर्थ यात्रा पर गया था और वहीं से खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आया।
Pakistani Spy: 3 नूमन इलाही:
उत्तर प्रदेश का रहने वाला नूमन इलाही हरियाणा के पानीपत में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। उस पर ISI एजेंट के संपर्क में रहकर जानकारी साझा करने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, उसे जानकारी देने के बदले पैसे भी मिले जो उसके साले के बैंक खाते के माध्यम से आए।
4 अर्मान और हनीफ:
नूंह जिले से अर्मान को 16 मई को गिरफ्तार किया गया, जबकि अगले ही दिन हनीफ को भी पकड़ लिया गया। दोनों पर पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियां भेजने का आरोप है।
5 मोहम्मद तारिक:
हरियाणा के पंचकूला से मोहम्मद तारिक को भी गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से तीन मोबाइल फोन और .30 बोर की आठ जिंदा गोलियां बरामद की गई हैं।
पंजाब से गिरफ्तारियां
6 मोहम्मद मुर्तजा अली:
जालंधर में एक रेड के दौरान गुजरात पुलिस ने मुर्तजा अली को गिरफ्तार किया। आरोप है कि उसने खुद का मोबाइल ऐप बनाकर जासूसी का नेटवर्क तैयार किया था। चार मोबाइल और तीन सिम कार्ड जब्त किए गए।
7-8 गज़ाला और यामीन मोहम्मद:
मलेरकोटला से गज़ाला नाम की विधवा महिला और यामीन मोहम्मद को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोप है कि वे पाक उच्चायोग के एक अधिकारी के लिए जासूसी कर रहे थे।
9-10 सुखप्रीत और करनबीर सिंह:
गुरदासपुर पुलिस ने सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों पर ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से जुड़ी गोपनीय सैन्य जानकारियां पाकिस्तान को भेजने का आरोप है।
सजा का निर्धारण कैसे होता है?
विशेष रूप से जासूसी जैसे गंभीर अपराधों के संदर्भ में, न्यायालय कई पहलुओं को ध्यान में रखता है। आपने जो चार बिंदु बताए हैं, वे बिल्कुल सही और मुख्य आधार हैं। आइए इन्हें थोड़ी और स्पष्टता और विस्तार से समझते हैं:
1 अपराध की गंभीरता (Gravity of Offense):
यदि जासूसी के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना की गतिविधियां, रणनीतिक सूचनाएँ या नागरिकों की जान जोखिम में आई हो, तो सजा अधिक कठोर होगी। गंभीर मामलों में, आरोपी को आजन्म कारावास या यहां तक कि मृत्यु दंड भी मिल सकता है (जैसे भारतीय दंड संहिता की धारा 121 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत)।
2 सबूत (Evidence):
मजबूत डिजिटल सबूत (जैसे कि ईमेल, कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज, नकदी ट्रांजैक्शन, विदेशी खातों की जानकारी) अदालत में सजा को मजबूत करते हैं। अगर आरोपी के खिलाफ ठोस फॉरेंसिक या दस्तावेजी साक्ष्य हैं, तो सजा तय करना न्यायालय के लिए आसान हो जाता है।
3 इरादा (Mens Rea / Intent):
यदि अभियोजन पक्ष यह सिद्ध कर दे कि आरोपी ने जानबूझकर, पूरी योजना के साथ जासूसी की, तो यह अति-गंभीर अपराध बन जाता है। अगर इरादा स्पष्ट रूप से देशद्रोह या दुश्मन राष्ट्र की मदद करना हो, तो सजा अधिकतम हो सकती है।
4 आपराधिक पृष्ठभूमि (Past Criminal Record):
यदि आरोपी पहले से आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है या उस पर पहले भी देशविरोधी गतिविधियों का आरोप रहा है, तो यह उसके खिलाफ एक बोझिल परिस्थिति (aggravating factor) बनता है।
वहीं, यदि आरोपी पहली बार अपराध में लिप्त पाया गया हो, और उसके पक्ष में अन्य सहानुभूति योग्य तर्क हों, तो सजा में कुछ नरमी हो सकती है।