Mizoram Stone Quarry Collapse: मंगलवार सुबह लगातार बारिश के कारण मिजोरम के आइजोल जिले में एक पत्थर की खदान गिरने से एक बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो गई है। हादसे के बाद दो लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मलबे में फंसे हुए कई कर्मचारियों को बचाने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
हादसे में मारे गए 17 लोगों में से कुछ लोग मिजोरम के नहीं हैं| शेष लाशों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। वहीं रेस्क्यू अभियान में बचाए गए 2 लोगों में से एक मिजोरम का है, और दूसरा बाहर का है। आइजोल,जहां हादसा हुआ है वह मिजोरम की राजधानी है।
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सुबह हुई घटना:
पुलिस का कहना है कि घटना शहर के दक्षिण में मेल्थम और हिलमेन क्षेत्र में सुबह छह बजे हुई है। रेमल साइक्लोन ने पहले ही यहां काफी नुकसान किया था। और सोमवार से ही यहाँ भारी बारिश हो रही थी| इस बीच, मंगलवार 28 मई की सुबह करीब 6 बजे के आसपास आइजोल की मेल्थम और ह्लिमेन सीमा पर एक पत्थर की खदान गिर गई।
वहीं राज्य में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खदान ढहने से आसपास के कई घरों को भी नुकसान हुआ है। मलबे से कई घर भी ढह गए हैं।
भारी बारिश के चलते स्कूल-कॉलेज बंद:
भारी बारिश की वजह से मिजोरम और आइजोल में स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया था। साथ ही, सरकारी कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सलाह दी गई थी। आइजोल में भूस्खलन ने कई राजमार्गों और मुख्य सड़कों को भी बाधित कर दिया है। आइजोल का हुनथर में राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर हुए भूस्खलन से देश के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।
इसके अलावा आइजोल के सलेम वेंग में लैंडस्लाइड के बाद एक इमारत पानी में बह गई, जिससे तीन लोग लापता हैं। राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोम ने इस घटना को देखते हुए रेमल च्रकवात से प्रभावित लोगों को मदद करने का ऐलान किया है। मिजोरम सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने कहा कि इससे प्रभावित लोगों को 15 करोड़ रुपये और मृतकों को 4 से 4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
दो साल पहले भी हुआ था ऐसा हादसा:
दो साल पहले भी मिजोरम में ठीक ऐसा ही हादसा हुआ था। 14 नवंबर 2022 को प्रदेश के हनथियाल जिले में एक पत्थर की खदान ढह गई थी । खनन के दौरान कई बड़े पत्थर ऊपर से गिरकर कर्मचारियों पर गिरे, जिससे बारह कर्मचारी मलबे के ढेर में दब गए थे ।
असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), स्थानीय पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम ने बचाव ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद खदान में दबे ग्यारह कर्मचारियों के शव बरामद किए गए थे।
चक्रवाती तूफान रेमल मचा रहा तबाही:
चक्रवाती तूफान रेमल इन दिनों चरम पर है। रविवार रात, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर ये तूफान आया। इससे मिजोरम में अत्यधिक बारिश हो रही है। इसके बाद इसने पश्चिम बंगाल, असम और मिजोरम सहित कई राज्यों पर प्रभाव डाला। चक्रवाती तूफान रेमल की वजह से मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
चक्रवात रेमल ने घरों और बिजली के खंभों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। चक्रवात आने से पहले, पश्चिम बंगाल के खतरनाक क्षेत्रों से एक लाख से अधिक लोग निकाले गए थे। कई स्थानों पर तेज हवा और बारिश ने बड़े-बड़े पेड़ों को भी गिरा दिया हैं।
पेड़ गिरने से कॉलेज विद्यार्थी की मौत:
इसके अलावा, आज नॉर्थ-ईस्ट के एक और राज्य असम में भी तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। मोरीगांव जिले में एक ऑटो रिक्शा में बैठे कॉलेज विद्यार्थी पर पेड़ गिरने से मौत हो गई। चार अन्य लोगों को भी चोट लगी है। सोनितपुर जिले में एक स्कूल बस पर एक पेड़ गिर गया, जिसके परिणामस्वरूप बारह बच्चे घायल हो गए। राज्य में कई अन्य स्थानों पर भी लैंडस्लाइड हुआ है।
इसमें दो लोग मारे गए है। दिमा हसाओ जिले में भारी बारिश से नदी का पानी बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप हाफलोंग-सिलचर लिंक रोड का एक बड़ा हिस्सा बह गया। जिले के डिप्टी कमिश्नर सिमंता कुमार दास ने बताया कि हाफलोंग-सिलचर कनेक्टिंग रोड को 1 जून तक बंद कर दिया गया है। राज्य की जनता से मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घरों में रहने की अपील की है। सेना, एनडीआरएफ और SDRF भी अलर्ट पर हैं।
इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट:
मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार दोपहर तक तूफान रेमल कमजोर होकर गहरे दबाव क्षेत्र में बदल गया। हालांकि, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में सोमवार से साइक्लोन का असर शुरू हो गया। असम सहित पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में सोमवार से बारिश जारी है।
गुवाहाटी में कल 14 और त्रिपुरा में 11 उड़ानें रद्द हुईं। IMD ने पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में 30 मई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। असम और मेघालय में 29 और 30 मई को बहुत भारी बारिश की आशंका है।