21.1 C
New Delhi
Wednesday, October 15, 2025
Homeदेशरिश्तों में घुलता जहर: क्यों बढ़ रही हैं वैवाहिक हिंसा की घटनाएं?

रिश्तों में घुलता जहर: क्यों बढ़ रही हैं वैवाहिक हिंसा की घटनाएं?

Marital Violence in India: वैवाहिक हिंसा की घटनाएं बढ़ने के पीछे की वजहें हैं स्वार्थ, संवाद की कमी और भावनात्मक शिक्षा का अभाव — रिश्तों को बचाना जरूरी है।

Marital Violence in India: हाल ही में इंदौर से शिलॉन्ग हनीमून पर गए नवविवाहित जोड़े की दुखद कहानी ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। विवाह के महज कुछ दिनों बाद पति की हत्या और उसमें पत्नी की संलिप्तता की खबर न केवल दर्दनाक है, बल्कि समाज की उस सच्चाई को भी उजागर करती है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
जब रिश्ते प्रेम से नहीं, बल्कि स्वार्थ, धोखे और लालच से बनने लगें तो परिणाम अक्सर खतरनाक होते हैं। शादी जैसी पवित्र संस्था अब कई बार एक सामाजिक सौदे, दिखावे की जिम्मेदारी या निजी स्वार्थ की पूर्ति का माध्यम बनती जा रही है। ऐसे में अगर रिश्तों में समझ, सहमति और सच्चाई नहीं हो, तो वे हिंसक हो उठते हैं।
शादी दो आत्माओं का मिलन है, न कि दो शरीरों का सौदा। अगर यह रिश्ता अपराध और हत्या तक पहुंच रहा है, तो हमें केवल आरोपियों को नहीं, समाज की सोच को भी कठघरे में खड़ा करना होगा।
हर ऐसी घटना हमें यह याद दिलाती है कि रिश्तों को निभाना आसान नहीं, लेकिन जरूरी है। हमें अपने बच्चों को रिश्तों की अहमियत, संवाद का महत्व और सहानुभूति की ताकत सिखानी होगी। तभी समाज सुरक्षित, सशक्त और मानवीय बन सकेगा।

रिश्तों में धैर्य और संवाद की कमी: आज के युवाओं में रिश्तों को निभाने का धैर्य कम होता जा रहा है। छोटी-छोटी असहमति या मनमुटाव को समझ-बूझ से सुलझाने की जगह, लोग तुरंत अलग होने या बदला लेने का रास्ता चुनते हैं। संवाद का अभाव रिश्तों को तोड़ने की दिशा में पहला कदम होता है।
प्रेम विवाह बनाम स्वार्थ विवाह: कई बार प्रेम विवाह के नाम पर केवल आकर्षण या किसी फायदे के लिए संबंध बनाए जाते हैं। यह मामला भी कुछ हद तक उसी दिशा की ओर इशारा करता है, जहां विवाह सिर्फ एक ‘कवच’ बन जाता है, भीतर छिपे किसी और मकसद को पूरा करने के लिए।
पैसे और संपत्ति का लालच: बढ़ती भौतिकवादी सोच ने मानवीय संवेदनाओं को बहुत पीछे छोड़ दिया है। अब विवाह भी एक निवेश की तरह देखा जाने लगा है – “क्या मिलेगा?” यह मानसिकता रिश्ता नहीं, सौदा बनाती है। इसीलिए संपत्ति या बीमा के लिए अपने जीवनसाथी की हत्या जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
मीडिया और मनोरंजन का असर: फिल्मों, वेब सीरीज और सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे कंटेंट आ रहे हैं जो “क्राइम” को रोमांचकारी रूप में दिखाते हैं। युवाओं का एक हिस्सा इनसे प्रभावित हो रहा है। भावनात्मक अपरिपक्वता और अवैध प्रेरणाएं अक्सर अपराध की ओर ले जाती हैं।
न्याय व्यवस्था पर भरोसे की कमी: कई बार लोग कानूनी रास्तों से समस्या सुलझाने की बजाय शॉर्टकट अपनाते हैं। “तलाक में समय लगेगा”, “मान-अपमान होगा” — ऐसी सोच लोगों को अपराध की ओर धकेलती है। यह बेहद खतरनाक मानसिकता है।

समाज को कहां देखना चाहिए?

इन घटनाओं को केवल “क्राइम न्यूज़” की तरह पढ़ना और भूल जाना हमारे समाज के लिए घातक होगा। हमें खुद से पूछना होगा — क्या हम अपने बच्चों को रिश्तों की सही शिक्षा दे पा रहे हैं? क्या स्कूल, कॉलेज और परिवार में भावनात्मक समझ, सहनशीलता और नैतिक शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है?
आज रिश्ते सिर्फ फेसबुक और इंस्टाग्राम की तस्वीरों तक सीमित हो गए हैं। असल भावनाओं को निभाने की जिम्मेदारी अब कोई लेना नहीं चाहता। परिवारों में संवादहीनता, अकेलापन और डिजिटल डिस्टेंसिंग ने नई पीढ़ी को असुरक्षित और भ्रमित कर दिया है।

समाधान की दिशा

भावनात्मक शिक्षा (Emotional Literacy): स्कूल और कॉलेजों में रिश्तों, भावनाओं और संघर्षों को संभालने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। यह शिक्षा जीवन कौशल का हिस्सा होनी चाहिए।
परिवार में खुला संवाद:  माता-पिता को अपने बच्चों से केवल पढ़ाई या करियर नहीं, बल्कि उनके भावनात्मक जीवन पर भी बात करनी चाहिए। दोस्ती, प्यार, रिश्ते — ये सब विषय अब “टैबू” नहीं, बल्कि जरूरी बातचीत के मुद्दे हैं।
काउंसलिंग को सामाजिक मान्यता:  विवाह से पहले और बाद में काउंसलिंग को अनिवार्य किया जाना चाहिए। भारत जैसे समाज में इसे “कमजोरी” न समझा जाए, बल्कि जीवन को बेहतर बनाने का ज़रिया माना जाए।
मीडिया की जिम्मेदारी:  मीडिया को चाहिए कि वह अपराध की घटनाओं को सनसनीखेज बनाने के बजाय सामाजिक चेतना फैलाने के माध्यम के रूप में पेश करे। साथ ही ऐसी कहानियों के पीछे के सामाजिक कारणों पर भी प्रकाश डाले।
सख्त और तेज न्याय प्रणाली:  सुपारी किलिंग, वैवाहिक हत्या जैसे मामलों में जल्द और निष्पक्ष न्याय हो, ताकि लोग डरें और कानून पर भरोसा रखें।

समाज तभी बचेगा, जब रिश्ते बचेंगे। रिश्ते तभी बचेंगे, जब उनमें सच्चाई, समझ और संवेदना होगी।

Giriraj Sharma Opinion

यह भी पढ़ें –

पति की हत्या में पत्नी सोनम का कबूलनामा: प्रेमी के साथ मिलकर रची खौफनाक साजिश, सुपारी किलर्स से करवाया था मर्डर

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
Giriraj Sharma
Giriraj Sharmahttp://hindi.bynewsindia.com
ढाई दशक से सक्रिय पत्रकारिता में। राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर लेखन, पर्यावरण, नगरीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विषयों में रूचि। [ पूर्व संपादक (एम एंड सी) ज़ी रीजनल चैनल्स | कोऑर्डिनेटिंग एडिटर, ईटीवी न्यूज़ नेटवर्क/न्यूज़18 रीजनल चैनल्स | स्टेट एडिटर, पत्रिका छत्तीसगढ़ | डिजिटल कंटेंट हेड, पत्रिका.कॉम | मीडिया कंसलटेंट | पर्सोना डिज़ाइनर ]
RELATED ARTICLES
New Delhi
haze
21.1 ° C
21.1 °
21.1 °
73 %
0kmh
0 %
Tue
26 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
33 °
Sat
33 °

Most Popular