Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने की वजह से आई भीषण तबाही ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। बादल फटने के चलते अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) और भूस्खलन की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों मकान, दुकानें व सड़कें प्रभावित हुईं। अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन हालात अभी भी बेहद गंभीर बने हुए हैं।
Table of Contents
Jammu Kashmir: 250 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
बाढ़ और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है। यह ऑल-वेदर रोड कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है। नाशरी से बनिहाल के बीच लगभग दर्जनभर जगहों पर पहाड़ियों से गिरे मलबे ने रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया है। इस वजह से सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं और यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
Jammu Kashmir: भारतीय सेना और एजेंसियों ने संभाला मोर्चा
राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए भारतीय सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। सेना की आठ टुकड़ियों को स्टैंडबाय पर रखा गया है और क्विक रेस्पॉन्स टीमें (QRT) मौके पर राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। NH-44 पर फंसे यात्रियों को भोजन, आश्रय और चिकित्सकीय सहायता मुहैया कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क बहाली में कम से कम 48 घंटे लग सकते हैं।
Jammu Kashmir: बादल फटने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत
रामबन के सीरी बगना गांव में बादल फटने से मोहम्मद आकिब (12), उसका भाई मोहम्मद साकिब (10) और पड़ोसी मुनी राम (65) की मौत हो गई। स्थानीय निवासी मोहम्मद हफीज ने बताया कि सुबह करीब साढ़े चार बजे जोरदार आवाज़ आई और उसके बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने मलबे से बच्चों के शव निकाले, लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी।
40 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त, 10 पूरी तरह तबाह
धारमकुंड गांव में बाढ़ से भारी तबाही हुई है। करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 10 पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने 100 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकालकर सरकारी मिडिल स्कूल में अस्थायी शिविरों में शरण दी है। उन्हें राशन और आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।
आकाशीय बिजली से दो लोगों की मौत
रियासी जिले के अर्नास क्षेत्र में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक महिला भी शामिल है। इस घटना में एक अन्य महिला घायल हुई है। इस प्रकार बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो दिन में कुल पांच लोगों की जान जा चुकी है।
उपमुख्यमंत्री का दौरा, केंद्र से मदद की मांग
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने रामबन और बनिहाल के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उनके साथ स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह राजू और सज्जाद शाहीन भी मौजूद थे। चौधरी ने कहा, स्थिति बेहद गंभीर है, हम इसकी पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देंगे। उन्होंने राहत और पुनर्वास के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
स्कूल-कॉलेज बंद, राहत में जुटा प्रशासन
रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने जिले में 21 अप्रैल को सभी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस, एसडीआरएफ, सेना, एनजीओ और स्थानीय स्वयंसेवक मिलकर युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में लगे हैं।
नेताओं ने जताया शोक, केंद्र से सहायता की मांग
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आपदा में जान गंवाने वालों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है। वहीं, केंद्र सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह ने रामबन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और जरूरत पड़ने पर सांसद निधि से भी सहायता देने की बात कही। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र से बड़ी राहत पैकेज की मांग की है।
नुकसान का आकलन जारी, राहत प्राथमिकता में
प्रशासन की प्राथमिकता फिलहाल जानमाल की रक्षा और आधारभूत ढांचे की बहाली है। भारी बारिश के कारण हुए व्यापक नुकसान का आकलन किया जा रहा है और पुनर्वास के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
यह भी पढ़ें-