Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने बीते 48 घंटों में दो बड़े आतंकरोधी अभियानों में छह आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों में तीन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे। इन सफल अभियानों को लेकर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
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Jammu Kashmir: शाहिद कुट्टी की पहचान, पर्यटक पर हमले में था शामिल
कश्मीर ज़ोन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) वी.के. बिर्दी ने बताया कि मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान शाहिद कुट्टी के रूप में हुई है। वह दो बड़े आतंकी हमलों में शामिल था, जिनमें एक जर्मन पर्यटक पर हुआ हमला भी शामिल है। बिर्दी ने कहा, “शाहिद कुट्टी आतंकियों को फंडिंग के काम में भी सक्रिय था। हमारा संकल्प है कि घाटी से आतंकी नेटवर्क और उसकी जड़ों को पूरी तरह खत्म किया जाए।”
Jammu Kashmir: रणनीति में बदलाव का असर
आईजीपी बिर्दी ने बताया कि घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाओं के मद्देनज़र सभी सुरक्षा एजेंसियों ने रणनीति की व्यापक समीक्षा की थी, जिसके बाद अभियान तेज़ किए गए। इसका ही परिणाम है कि बीते दो दिनों में दो बड़े ऑपरेशनों में आतंकियों को मार गिराया गया।
Jammu Kashmir: पहला ऑपरेशन: केलार के ऊंचाई वाले इलाकों में मुठभेड़
सेना के मेजर जनरल धनंजय जोशी ने बताया कि 12 मई को खुफिया सूचना के आधार पर केलार के ऊपरी हिस्सों में अभियान शुरू किया गया था। 13 मई की सुबह आतंकियों की हलचल दिखाई दी। जब जवानों ने उन्हें ललकारा तो आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए।
दूसरा ऑपरेशन: त्राल के सीमावर्ती गांव में मुठभेड़
दूसरा अभियान पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र के एक सीमावर्ती गांव में चलाया गया। यहां एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने घेराबंदी शुरू की। लेकिन आतंकियों ने गांव के अलग-अलग घरों में छिपकर गोलीबारी शुरू कर दी। मेजर जनरल जोशी ने कहा, सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि पहले गांव में फंसे नागरिकों की जान बचाई जाए। इसके बाद सुनियोजित तरीके से तलाशी अभियान चलाकर तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
पहलगाम हमले के बाद सख्ती
गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी। इसके चलते दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। हालांकि बाद में सैन्य अभियानों पर अस्थायी विराम की घोषणा की गई थी।
घाटी में शांति बहाली के प्रयास तेज
इन मुठभेड़ों से स्पष्ट है कि सुरक्षा बल घाटी में आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए पहले से कहीं अधिक आक्रामक रुख अपना चुके हैं। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आतंकियों का सफाया करने की नीति पर अमल किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में आतंकियों के खिलाफ ऐसे अभियान और तेज़ किए जाएंगे।
कुल मिलाकर, बीते 48 घंटों में घाटी में हुए ये दो ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक रणनीति और सुरक्षा बलों की सतर्कता का प्रतीक हैं। इससे आतंकियों और उनके मददगारों को स्पष्ट संदेश गया है कि घाटी में अब हिंसा और आतंक के लिए कोई जगह नहीं बची है।