India-Pak Ceasefire: पाकिस्तान घुटनों पर है – क्योंकि भारत उस ‘रेड लाइन’ तक जा चुका था, जहां से सिर्फ तबाही लौटती है। दरअसल, पाकिस्तान की हॉटलाइन वापसी और सीज़फायर की अपील इस बात का प्रमाण है कि भारत की नपी-तुली सैन्य कार्रवाई ने लाहौर से रावलपिंडी तक की सत्ता को हिला कर रख दिया है। भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना नहीं बनाया, बल्कि उन ठिकानों के आस-पास स्थित परमाणु लॉजिस्टिक बेस तक की टार्गेटिंग से यह जता दिया कि अगली बार कुछ बचने वाला नहीं है।
इसलिए पाकिस्तान ने आनन-फानन में DGMO बैठक की गुहार लगाई। भारत जानता है — ये शांति की पेशकश नहीं है, ये डर का प्रदर्शन है।
इस बार DGMO बैठक किसी सीमा प्रबंधन या फायरिंग रोकने की बात नहीं करेगी। अब यह बैठक ‘लाल रेखा’ खींचने और ‘स्थायी जवाबदेही’ तय करने का मंच है। भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का यह स्पष्ट संदेश होगा कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले को सीधे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ (युद्ध की कार्रवाई) मानेगा – और इसका जवाब पूरे सामरिक परिप्रेक्ष्य में दिया जाएगा।
भारत की रणनीति अब ‘तुरंत बदला’ नहीं, गहराई में असर करने वाली है। अब भारत तय करेगा कि कब, कहाँ और कितनी चोट पहुंचानी है। सिंधु जल संधि का निलंबन, आर्थिक दंड, और कूटनीतिक अलगाव – यह सब एक साझा नीति का हिस्सा हैं।
भारत अब पाकिस्तान के ‘परमाणु हथियारों’ की आड़ में छिपे आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा। क्योंकि इस बार भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से ज्यादा खतरनाक बात यह थी – भारतीय सेना उनके परमाणु लॉजिस्टिक ठिकानों तक पहुंचने को तैयार थी। और यही बात ISI और GHQ को समझ आ गई – भारत अब परमाणु ब्लैकमेल से डरता नहीं।
पाकिस्तान, जिसने दशकों तक आतंक को एक रणनीतिक उपकरण की तरह इस्तेमाल किया, अब खुद उसी जाल में फँसता दिख रहा है। DGMO बैठक में भारत के प्रतिनिधिमंडल के पास इस बार सबूतों की भरमार होगी – सैटेलाइट इमेज, डिजिटल फोरेंसिक, और आतंकी लॉन्चपैड्स की लोकेशन – और एक स्पष्ट चेतावनी भी: ‘अगली बार, युद्धविराम का मौका नहीं मिलेगा।’
यह बैठक केवल दो देशों के बीच की बातचीत नहीं है, यह पूरे वैश्विक सुरक्षा तंत्र के लिए संकेत है कि भारत अब किसी भी प्रकार के आतंकी प्रॉक्सी वॉर को सहन नहीं करेगा – चाहे वह लश्कर हो, जैश हो, या उनके पीछे बैठा आईएसआई।
और सबसे बड़ी बात – भारत अब शांति की भीख नहीं माँगेगा। शांति अब भारत की शर्तों पर होगी – आतंक के खात्मे के बाद। पाकिस्तान को यह समझ लेना होगा कि अब कोई हॉटलाइन कॉल उसे भारत के प्रहार से नहीं बचा सकेगा।
12 मई की DGMO बैठक भारत के बदलते सुरक्षा सिद्धांत का उद्घोष है – यह नया भारत है, जो पहले सहता था, अब सहन नहीं करता – अब सीधा जवाब देता है। यह बैठक कोई मिलिट्री रिव्यू नहीं है – यह रणनीतिक अपमान का ट्रेलर है।
अगर पाकिस्तान अब भी नहीं चेता, तो अगली बार न सीजफायर होगा, न सिसकने का वक्त मिलेगा।
भारत बदल चुका है। अब बदलेगा पूरा गेम।
‘आतंक को पालोगे, तो इतिहास में सिर्फ़ शिकस्त लिखी जाएगी – वो भी भारतीय स्याही से।’
जय हिन्द

Operation Sindoor
घुटनों पर पाकिस्तान, बदली दुनिया की भाषा!
अब भारत ही भाग्य विधाता
सिर्फ 48 घंटे में भारत ने साबित कर दिया –
ये नया भारत है, जो माफ नहीं करता, सबक सिखाता है।
अब कोई भारत को रोक नहीं सकता।
भारत अब एक सिद्ध शक्ति है।
विस्तार से पढ़ें: गिरिराज शर्मा की दमदार और राष्ट्रवादी टिप्पणी –
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