Himanta Biswa Sarma: असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य की आगामी इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम ‘रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी, जगीरोड’ रखने का फैसला किया है। इस फैसले के जरिए राज्य सरकार ने देश के मशहूर उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय रतन टाटा के असम के विकास में योगदान को मान्यता देने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि रतन टाटा और टाटा समूह ने असम के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और उनकी इस भूमिका को सम्मानित करने के लिए यह नामकरण किया जा रहा है।
Table of Contents
Himanta Biswa Sarma कैबिनेट बैठक में लिया गया अहम फैसला
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस फैसले को मंजूरी दी। बैठक के बाद उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, राज्य के विकास में स्वर्गीय रतन टाटा और टाटा समूह की जबरदस्त भूमिका और योगदान की मान्यता के रूप में, असम कैबिनेट ने जगीरोड में बनने वाली आगामी इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम ‘रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी, जगीरोड’ रखने का फैसला किया है।
इसके अलावा, सरकार ने असम में दो नए विश्वविद्यालयों की स्थापना को भी मंजूरी दी है। ये विश्वविद्यालय सिपाझार और तिनसुकिया में स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए पहले ही ‘एडवांटेज असम 2.0’ के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
असम में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना
असम कैबिनेट ने इस बैठक में राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई नए विश्वविद्यालयों की स्थापना को भी हरी झंडी दी। कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए विश्वविद्यालयों की सूची इस प्रकार है:
- शिवसागर विश्वविद्यालय
- उत्तरी लखीमपुर विश्वविद्यालय
- नागांव विश्वविद्यालय
- स्वाहिद कनकलता बरुआ राज्य विश्वविद्यालय
- जगन्नाथ बरूआ विश्वविद्यालय
- गुरुचरण विश्वविद्यालय
- बोंगाईगांव विश्वविद्यालय
इन विश्वविद्यालयों की स्थापना से असम में उच्च शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा और छात्रों को राज्य में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी।
Himanta Biswa Sarma ने निजी विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य
कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया, जिसके तहत अब से असम में किसी भी निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा मंजूरी आवश्यक होगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में स्थापित होने वाले निजी विश्वविद्यालय किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरों से मुक्त रहें।
Himanta Biswa Sarma: रतन टाटा का असम और भारत के प्रति योगदान
रतन टाटा, जो 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया, भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक थे। उन्होंने टाटा समूह के नेतृत्व में भारत को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित किया। वे टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे, जो भारत में निजी क्षेत्र द्वारा प्रवर्तित सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्टों में शामिल हैं।
रतन टाटा को 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनका योगदान केवल औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Himanta Biswa Sarma: असम के औद्योगिक विकास में टाटा समूह की भूमिका
असम में टाटा समूह ने कई क्षेत्रों में निवेश किया है और राज्य के औद्योगिक विकास में योगदान दिया है। टाटा समूह ने चाय उद्योग, स्टील, ऑटोमोबाइल और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में असम को मजबूती प्रदान की है। इसके अलावा, टाटा ट्रस्ट ने असम में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक सिटी के निर्माण से असम को होगा फायदा
‘रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी’ के नामकरण के साथ ही यह परियोजना असम के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देगी। इलेक्ट्रॉनिक सिटी का उद्देश्य राज्य में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देना है। इससे असम में नए स्टार्टअप्स, निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि, यह इलेक्ट्रॉनिक सिटी असम को टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने में मदद करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
यह भी पढ़ें:-
Abu Azmi: अबू आजमी की औरंगजेब पर टिप्पणी से मचा बवाल, FIR दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला