Gujarat: गुजरात के राजकोट में एक मनोरंजन पार्क के गेम ज़ोन में लगी भीषण आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी। यह भीषण वेल्डिंग मशीन से निकली चिंगारी से लगी थी, जो सुविधा में रखे ज्वलनशील पदार्थों के ढेर पर गिर गई थी। 25 मई की शाम को टीआरपी – एक मनोरंजन और थीम पार्क में भीषण आग लग गई थी, जिसमें बच्चों सहित 27 लोगों की मौत हो गई। यह गर्मी की छुट्टियों का आनंद ले रहे लोगों से भरा हुआ था।
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वेल्डिंग की चिंगारी से भड़की गेमिंग जोन में आग
घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें नजर आ रहा है कि आग उस समय लगी जब गेमिंग ज़ोन के परिसर में वेल्डिंग का काम चल रहा था। बताया जा रहा है कि इसकी पहली मंजिल में कुछ निर्माण कार्य चल रहा था। वीडियो देखा जाता सकता है कि वेल्डिंग करते समय कुछ चिंगारी पास में पड़े प्लास्टिक के ढेर पर गिर गई, जिससे आग लग गई।
वेल्डिंग की चिंगारी से प्लास्टिक के ढेर में लगी आग
आग लगने के बाद घबराए हुए कर्मचारी तुरंत हरकत में आए और आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कुछ ही समय में आग वहां रखे अन्य ज्वलनशील पदार्थों तक फैल गई, जिससे हाल के समय में सबसे बड़ी मानव निर्मित त्रासदियों में से एक हो गई।
नहीं था अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खेल क्षेत्र में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी, जिसके कारण शनिवार को यह त्रासदी हुई। यह भी पाया गया कि गेमिंग जोन का संचालन अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना किया जा रहा था। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने नवंबर 2023 में गेमिंग जोन को बुकिंग लाइसेंस दिया था, जिसे 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक के लिए नवीनीकृत किया गया था।
सड़क और भवन विभाग से मिल गई थी अनुमति
पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा कि खेल क्षेत्र को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। इसने अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरणों का प्रमाण भी प्रस्तुत किया था, जो प्रक्रियाधीन था और अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट
राजकोट कलेक्टर प्रभाव जोशी ने बताया कि सभी पीड़ितों के डीएनए नमूने रविवार तड़के एयर एंबुलेंस से गांधीनगर एफएसएल भेजे गए। मलबे को हटाने और इलाके को सुरक्षित बनाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को खोजी कुत्तों के साथ लगाया गया है। उन्होंने बताया कि शव इतने जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है और हमने शवों और उन पर दावा करने वाले रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके।
तीन घायलों की हालत गंभीर
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनायक पटेल ने बताया कि घटनास्थल से 27 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें शहर के सिविल अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि घटना में तीन लोग घायल हुए हैं और उनकी हालत स्थिर है।
6 लोगों के खिलाफ एफआईआर
टीआरपी गेम जोन का संचालन करने वाली रेसवे एंटरप्राइज के पार्टनर युवराजसिंह सोलंकी और मनोरंजन सुविधा के प्रबंधक नितिन जैन को भीषण आग लगने के बाद गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एफआईआर के अनुसार, राजकोट तालुका पुलिस ने धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के साझेदार अशोकसिंह जडेजा, किरीटसिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराजसिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ सहित छह लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
क्राइम ब्रांच और एसआईटी को सौंपी गई जांच
पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि चारों फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की चार अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का इस्तेमाल कर 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा खड़ा किया, जिसकी ऊंचाई करीब दो से तीन मंजिल थी। मामले की जांच क्राइम ब्रांच और राजकोट पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपी गई है, जिसका नेतृत्व संयुक्त अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया है।
‘मानव निर्मित आपदा’
गुजरात उच्च न्यायालय ने रविवार को आग त्रासदी का स्वत: संज्ञान लिया और इसे प्रथम दृष्टया ‘मानव निर्मित आपदा’ करार दिया। पीठ ने पाया कि गेमिंग ज़ोन में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसे अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थों का भंडार था। गुजरात उच्च न्यायालय की विशेष पीठ ने रविवार को पाया कि इस तरह के गेमिंग जोन और मनोरंजन सुविधाएं सक्षम अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी के बिना बनाई गई हैं।