Cabinet Decision: केंद्र सरकार ने 28 मई 2025 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बड़े फैसले लिए हैं। इस बैठक की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत 2.07 लाख करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही किसानों को सस्ती दर पर ऋण मुहैया कराने के लिए ब्याज सबवेंशन योजना (Interest Subvention Scheme) को भी हरी झंडी दे दी गई है।
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Cabinet Decision: खरीफ फसलों के लिए 2.07 लाख करोड़ की MSP मंजूरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खरीफ विपणन सत्र 2025-26 के लिए MSP की घोषणा की गई है, जिसकी अनुमानित लागत 2,07,000 करोड़ रुपये होगी। यह दरें कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित हैं, जिसमें किसानों को उनकी लागत पर कम से कम 50% लाभ सुनिश्चित किया गया है। MSP निर्धारण में देश-विदेश की कीमतें, फसलों के बीच संतुलन और कृषि व गैर-कृषि क्षेत्र के व्यापार संतुलन जैसे पहलुओं पर विचार किया गया है।
Cabinet Decision: किसानों को फसलों का मिलेगा बेहतर मूल्य
सरकार का दावा है कि इससे किसानों को उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब देश में मानसून की तैयारियां जोरों पर हैं और खरीफ बुवाई का समय नजदीक है।
Cabinet Decision: ब्याज सबवेंशन योजना को स्वीकृति
बैठक में लिए गए दूसरे अहम फैसले के तहत ब्याज सबवेंशन योजना को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत सरकार किसानों को 3 लाख रुपये तक खेती और बागवानी के लिए तथा 2 लाख रुपये तक सहायक कृषि गतिविधियों जैसे पशुपालन, मछली पालन आदि के लिए ऋण प्रदान करेगी।
बिना गारंटी के मिलेगा लोन
यह ऋण 7% वार्षिक ब्याज दर पर दिया जाएगा। सरकार इसमें 1.5% की सीधी सब्सिडी देगी और यदि किसान समय पर लोन चुकाते हैं, तो उन्हें 3% की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह उन्हें कुल मिलाकर सिर्फ 4% की ब्याज दर चुकानी होगी। इसके अलावा, 2 लाख रुपये तक के ऋण पर कोई गारंटी नहीं ली जाएगी।
योजना पर खर्च होंगे 15,642 करोड़
सरकार इस योजना पर 15,642 करोड़ रुपये खर्च करेगी। किसानों की सुविधा के लिए 449 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे किसानों को ऋण प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति मिलेगी।
तीन बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को मंजूरी
बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़ी तीन बड़ी परियोजनाओं को भी हरी झंडी मिली। इनमें सबसे अहम आंध्र प्रदेश में 108 किलोमीटर लंबे बदवेल-नेल्लोर 4-लेन हाईवे का निर्माण शामिल है। यह हाईवे राष्ट्रीय राजमार्ग-67 (NH-67) का हिस्सा होगा, और इसे 3,653 करोड़ रुपये की लागत से BOT (Build-Operate-Transfer) टोल मोड पर 20 साल की अवधि में विकसित किया जाएगा।
यह हाईवे कृष्णपट्टनम पोर्ट से सीधा संपर्क प्रदान करेगा और विशाखापत्तनम-चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (VCIC), हैदराबाद-बेंगलुरु (HBIC) और चेन्नई-बेंगलुरु (CBIC) जैसे औद्योगिक कॉरिडोरों को जोड़ेगा। इससे हुबली, होस्पेट, बेल्लारी, गूटी, कडप्पा और नेल्लोर जैसे शहरों को आर्थिक गतिविधियों में बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ ही महाराष्ट्र में 135 किलोमीटर लंबी वर्धा-बल्लारशाह रेल लाइन और मध्य प्रदेश में 41 किलोमीटर लंबी रतलाम-नागदा रेललाइन को चौड़ा करने की परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। इन दोनों रेल परियोजनाओं का उद्देश्य माल और यात्री परिवहन की दक्षता को बढ़ाना है।
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