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30 की उम्र के बाद न करें ये बड़ी गलती! कार्डियक चेकअप में लापरवाही पड़ सकती है भारी – जानिए कैसे बचाएं अपना दिल

Cardiac Health Tips: भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल का ख्याल रखें। जानिए कैसे नियमित कार्डियक चेकअप और लाइफस्टाइल बदलाव से हार्ट डिजीज से बचा जा सकता है, बता रहे हैं जयपुर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बी एम गोयल -

Cardiac Health Tips: आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में हम अक्सर जिस एक सबसे अहम चीज़ को नजरअंदाज़ कर बैठते हैं, वो है – दिल की सेहत। लगातार बढ़ता तनाव, जंक फूड, नींद की कमी, और फिजिकल एक्टिविटी का अभाव – ये सब हमारे दिल को धीरे-धीरे बीमार बना रहे हैं। अगर आपकी उम्र 30 के पार हो चुकी है, तो यह लेख आपके लिए Life-saving साबित हो सकता है।

30 की उम्र के बाद कार्डियक चेकअप है ज़रूरी, न करें नजरअंदाज़डॉ. बी एम गोयल

हृदय रोग – भारत में बढ़ता हुआ खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, Cardiovascular Diseases (CVDs) दुनिया में मौत के सबसे बड़े कारण हैं। भारत में हर साल लाखों लोग दिल की बीमारियों की वजह से जान गंवाते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि अब ये समस्याएं केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रह गई हैं – 30 और 40 की उम्र में ही हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसे केस आम हो चुके हैं।

Cardiac Checkup After 30: क्यों है ज़रूरी?

30 की उम्र के बाद हमारे शरीर में मेटाबॉलिज़्म और हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं। ऐसे में दिल पर असर पड़ना आम है। कई बार दिल की बीमारियाँ बिना लक्षण के शुरू होती हैं और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

रेगुलर कार्डियक चेकअप से आप:

  • संभावित हृदय रोगों की जल्द पहचान कर सकते हैं
  • समय रहते इलाज और लाइफस्टाइल बदलाव कर सकते हैं
  • अपने दिल को लंबी उम्र तक स्वस्थ रख सकते हैं

कार्डियक चेकअप में कौन-कौन सी जांचें होती हैं?

अगर आप साल में एक बार ये टेस्ट करवा लें, तो दिल की सेहत को काफी हद तक सुरक्षित रखा जा सकता है:

  1. ECG (Electrocardiogram): दिल की धड़कनों और इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी की जांच
  2. ECHO (Echocardiogram): दिल के वॉल्व और पंपिंग फंक्शन का मूल्यांकन
  3. Lipid Profile Test: शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल चेक करना
  4. Blood Pressure Monitoring: हाई या लो बीपी की पहचान
  5. TMT (Treadmill Test): फिजिकल स्ट्रेस के दौरान दिल की परफॉर्मेंस
  6. Blood Sugar Test: डायबिटीज का पता लगाना, जो हृदय रोग का मुख्य कारण बन सकती है

दिल को स्वस्थ रखने की 6 ज़रूरी आदतें

1. संतुलित आहार अपनाएं

भोजन में फाइबर, ओमेगा-3, और कम वसा वाले उत्पादों को शामिल करें। तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।

2. रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें

कम से कम 30 मिनट तेज़ वॉक, साइक्लिंग, योग या हल्का व्यायाम ज़रूर करें। इससे हार्ट मसल्स मजबूत होते हैं।

3. तनाव को कहें अलविदा

योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। तनाव हार्ट अटैक का छुपा हुआ कारण बन सकता है।

4. धूम्रपान और शराब से बचें

इनका सेवन हृदय की धमनियों को सिकोड़ता है और ब्लड सर्कुलेशन बिगाड़ता है।

5. वज़न को कंट्रोल में रखें

मोटापा हार्ट डिजीज का गेटवे है। हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज़ से वजन पर नियंत्रण ज़रूरी है।

6. सालाना चेकअप कराएं

कम से कम साल में एक बार डॉक्टर से मिलें और कार्डियक चेकअप कराएं, खासकर यदि परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो।

किन लक्षणों को न करें नज़रअंदाज़?

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • सीने में भारीपन या दर्द
  • सांस फूलना
  • बार-बार थकावट
  • पैरों में सूजन
  • अचानक तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन

30 की उम्र – लाइफ का टर्निंग पॉइंट

30 की उम्र करियर, परिवार और जिम्मेदारियों से भरी होती है। इस उम्र में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, खासकर अगर आपका लाइफस्टाइल सेडेंटरी हो। इसलिए:

  • ऑफिस जॉब करने वाले हर व्यक्ति को दिल की एक्स्ट्रा केयर करनी चाहिए
  • पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं की तुलना में इस उम्र में ज़्यादा होता है
  • महिलाएं भी हार्मोनल चेंज के कारण जोखिम में आ सकती हैं, खासकर प्रेग्नेंसी के बाद

अपने लिए और अपनों के लिए – अभी से रखें दिल का ध्यान

याद रखिए, अगर दिल सही, तो ज़िंदगी सही। सिर्फ बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाना काफी नहीं है। Cardiac Checkup After 30 आपकी ज़िंदगी को बचा सकता है। इसे अपने सालाना हेल्थ रूटीन में शामिल करें।

अपने माता-पिता, पार्टनर और दोस्तों को भी इसके लिए जागरूक करें – क्योंकि “सच्चा प्यार वही है जो दिल का ख्याल रखे।”


क्या कहते हैं डॉ. बी एम गोयल

दिल की बीमारी कोई अचानक हमला नहीं करती – यह एक धीमी प्रक्रिया होती है, जो समय रहते पकड़ी जाए तो टाली जा सकती है। अगर आप 30 पार कर चुके हैं, तो आज ही कार्डियक चेकअप की अपॉइंटमेंट बुक करिए।
एक छोटा सा कदम आपकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा फैसला बन सकता है।


डॉ. बी. एम. गोयल के बारे में जानिए
drbmgoyalcardiologist.com

Dr B M Goyal

डॉ. बी. एम. गोयल
MBBS, MD, DM
FACC, FSCAI (USA)
एचओडी एवं चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट
डायरेक्टर – कार्डियक साइंसेज़, एपेक्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स

डॉ. बी. एम. गोयल एक प्रतिष्ठित और अनुभवी इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट हैं, जिन्हें 17 वर्षों से अधिक का चिकित्सकीय अनुभव प्राप्त है। उन्होंने MBBS, MD (आंतरिक चिकित्सा) और DM (कार्डियोलॉजी) की डिग्रियां प्राप्त की हैं। उल्लेखनीय है कि वे अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (FACC) तथा सोसाइटी फॉर कार्डियोवास्कुलर एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन्स (FSCAI) के फेलो हैं।

वर्तमान में वे एपेक्स ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के कार्डियक साइंसेज़ के डायरेक्टर हैं और साथ ही एपेक्स हॉस्पिटल, जयपुर में एचओडी एवं चीफ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं।

इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में इनकी गहरी विशेषज्ञता है, जो कि हृदय रोगों के इलाज में एक उन्नत और आधुनिक तकनीक है। डॉ. गोयल को जटिल और गंभीर सर्जरी में सफलता प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। अब तक वे 1000 से अधिक जटिल और गंभीर हृदय सर्जरी सफलतापूर्वक कर चुके हैं।

डॉ. गोयल की पहचान न केवल उनकी सर्जिकल दक्षता के लिए है, बल्कि उनके द्वारा प्रदान की गई उत्कृष्ट पोस्ट-सर्जिकल केयर के लिए भी की जाती है। उनके मरीज न सिर्फ सर्जरी के बाद तेज़ रिकवरी करते हैं, बल्कि कम समय में सामान्य जीवन में लौटने में सक्षम भी होते हैं — जो कि उनकी चिकित्सा की विश्वसनीयता को दर्शाता है।

अधिक जानकारी के लिए देखें:
🔗 drbmgoyalcardiologist.com

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