Naxals Surrender: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को 24 लाख रुपये के इनामी सहित 9 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि एक अन्य मुठभेड़ में एक माओवादी मारा गया। यह जानकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर साझा की। उन्होंने इस सफलता का श्रेय सुरक्षाबलों के साहस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व को दिया।
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Naxals Surrender: 24 लाख के इनामी सहित 9 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
बीजापुर में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में कई प्रमुख नक्सली शामिल हैं, जिनमें 8 लाख रुपये के इनामी बक्सू वाम, 5-5 लाख रुपये के इनामी बुधराम पोटाम और हिडमा उर्फ हिरिया जैसे एरिया कमेटी सदस्य हैं। पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण का कारण माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा, आंतरिक कलह और आदिवासियों पर अत्याचार हैं। आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और सहायता प्रदान की जाएगी।
Naxals Surrender: मुठभेड़ में एक माओवादी ढेर
बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक माओवादी मारा गया। मुठभेड़ स्थल से एक शव, 315 बोर राइफल, टिफिन बम, और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। खून के धब्बों और घसीटने के निशानों से संकेत मिलता है कि अन्य माओवादी भी घायल हुए हो सकते हैं। बीजापुर पुलिस इसकी जांच कर रही है।
Naxals Surrender: 2023 से अब तक 450 माओवादी ढेर, 1589 ने किया सरेंडर
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि दिसंबर 2023 से अब तक छत्तीसगढ़ में 450 माओवादी मारे जा चुके हैं, 1,579 को गिरफ्तार किया गया, और 1,589 ने आत्मसमर्पण किया है। बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों के 28 नए कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है। साय ने कहा, “बस्तर की तस्वीर बदल रही है। जहां पहले बंदूकें बोलती थीं, अब विकास की आवाज गूंज रही है।”
अमित शाह का नेतृत्व: आंतरिक सुरक्षा का नया युग
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल ने आंतरिक सुरक्षा में नया युग शुरू किया है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति और नक्सलवाद पर सख्त कार्रवाई इसके उदाहरण हैं। साय ने लिखा, “अमित शाह के कुशल नेतृत्व और सुरक्षाबलों के साहस से छत्तीसगढ़ नक्सल उन्मूलन की ओर तेजी से बढ़ रहा है।”
2026 तक नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प
छत्तीसगढ़ सरकार ने 31 मार्च 2026 तक राज्य को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार पुनर्वास नीति के माध्यम से आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। बीजापुर जैसे क्षेत्र, जो कभी नक्सलियों का गढ़ थे, अब शांति और विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार, विकास की नई राह
बीजापुर में हाल की घटनाएं दर्शाती हैं कि माओवादी आंदोलन कमजोर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षाबलों की रणनीति ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया है। यदि यह रुझान जारी रहा, तो छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सल मुक्त हो सकता है, जिससे बस्तर में शांति और समृद्धि का नया दौर शुरू होगा।
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