Naxalites Surrendered: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 32 लाख रुपये के इनामी सात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं, बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने 18 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कई हिंसक वारदातों में शामिल होने के आरोप हैं। यह आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियां राज्य में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान का हिस्सा हैं।
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सात इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
शुक्रवार को सुकमा जिले में सात इनामी नक्सलियों ने पुलिस और प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में हेमला हिडमा उर्फ वागा, उसकी पत्नी रावा मुके उर्फ भीमे, बरसे सोना, उइका लालू, महिला नक्सली माडवी कोसी, मड़कम हुंगा और मुचाकी बुधरा शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हिडमा और बरसे 2021 में हुए टेकलगुड़ा हमले में शामिल थे, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। वहीं, उइका लालू 2020 के मिनपा हमले में शामिल था, जिसमें 17 जवानों की जान गई थी।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेगा पुनर्वास लाभ
सुकमा पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा। हिडमा, उसकी पत्नी रावा मुके और बरसे सोना प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की पीपुल्स पार्टी कमेटी के सदस्य थे और प्रत्येक पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
लालू, कोसी, हुंगा और बुधरा पर कुल 8 लाख रुपये का इनाम था। लालू माओवादी संगठन के प्लाटून नंबर 10 का सदस्य था। कोसी पामेड़ एरिया कमेटी के कृषि विंग की सदस्य थी। हुंगा मोरपल्ली आरपीसी सीएनएम का प्रमुख था, जबकि बुधरा पुवर्ती आरपीसी मिलिशिया कमांडर के रूप में सक्रिय था।
बीजापुर में 18 नक्सली गिरफ्तार
बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए दो अलग-अलग अभियानों में 22 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 18 को बीजापुर जिले में और 4 को सुकमा जिले से पकड़ा गया। बीजापुर पुलिस के अनुसार, उसूर थाना क्षेत्र के गुंजेपरती गांव के जंगल से 10 नक्सलियों को पकड़ा गया। इस अभियान में स्थानीय पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) की 201, 204, 205, 206 और 210 बटालियन की टीमें शामिल थीं। इसके अलावा, अन्य स्थानों से भी 8 नक्सलियों को पकड़ा गया।
अभियान जारी रहेगा
सुरक्षाबलों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और नक्सल गतिविधियों को समाप्त करने के लिए लगातार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित करें ताकि हिंसा का अंत हो सके और क्षेत्र में शांति बहाल हो।
CRPF के सामने डाले हथियार
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता मिली है। गढ़चिरौली पुलिस के सामने 18 लाख के इनामी दो हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वालों में एक डीवीसीएम और एक पार्टी सदस्य रैंक का नक्सली शामिल है। ये दोनों कई संगीन वारदातों में शामिल थे। पुलिस अधिकारियों ने इसे नक्सल उन्मूलन की दिशा में अहम उपलब्धि बताया है।
डीवीसीएम के रूप में काम किया
राजनांदगांव में पुलिस और सीआरपीएफ के सामने 18 लाख के इनामी नक्सली कांता उर्फ मंडी गलु पल्लो ने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने 1993 में मैडेड एलओएस में भर्ती होकर नक्सली संगठन में विभिन्न भूमिकाओं में काम किया। 1998 में भामरागढ़ एलओएस में स्थानांतरित हुआ और 2015 में माड़ क्षेत्र की स्टाफ-आपूर्ति टीम में शामिल हुआ। उसके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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