Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘सुशासन तिहार’ अभियान प्रदेश में प्रशासनिक पारदर्शिता और जनभागीदारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं विभिन्न जिलों में जाकर इस अभियान के अंतर्गत आयोजित शिकायत निवारण शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं, जिससे जनता के बीच यह विश्वास और गहरा हो रहा है कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर और सक्रिय है।
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Chhattisgarh: अभियान की शुरुआत और उद्देश्य
‘सुशासन तिहार’ की शुरुआत 8 अप्रैल 2025 से की गई थी। यह अभियान तीन चरणों में संचालित किया जा रहा है।
प्रथम चरण (8–11 अप्रैल): इसमें प्रदेशभर में जनता से आवेदन एकत्र किए गए। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर, ब्लॉकों में और जिला मुख्यालयों में शिकायत पेटियां रखी गईं।
द्वितीय चरण: इसमें प्राप्त आवेदनों की छंटाई कर संबंधित विभागों को अग्रेषित किया गया और प्राथमिक समाधान प्रक्रिया आरंभ हुई।
तृतीय चरण: वर्तमान में चल रहे इस चरण में 8–10 पंचायतों के बीच समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां अधिकारी मौके पर जाकर शिकायतों को सुन रहे हैं और यथासंभव तुरंत समाधान दे रहे हैं।
Chhattisgarh: शिकायतों का स्वरूप और समाधान की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री साय के अनुसार, अब तक प्रदेश के 35 जिलों से 40 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इन शिकायतों में सबसे अधिक मामले आवास योजनाओं में लाभ न मिलने, पेयजल संकट, खराब सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव से संबंधित हैं।
सरकार का दावा है कि इनमें से कई शिकायतों का समाधान कर दिया गया है, जबकि शेष का निराकरण समाधान शिविरों के माध्यम से किया जा रहा है। हर शिविर में संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहते हैं ताकि मौके पर ही समाधान की प्रक्रिया तेज की जा सके।
Chhattisgarh: मुख्यमंत्री का संवाद और निरीक्षण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि सरकार लोगों की समस्याएं सुनने कार्यालयों से बाहर निकल कर गाँवों तक पहुँच रही है। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि जनता यह महसूस करे कि सरकार उनके पास है, उनकी हर समस्या हमारी जिम्मेदारी है।
हर शाम को समीक्षा बैठक का आयोजन
उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान के तहत मंत्री, सांसद, विधायक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं। हर दिन शाम को जिलों में समीक्षा बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें दिन भर की कार्यवाही और समाधान की प्रगति की समीक्षा की जाती है।
संस्थानों का मूल्यांकन भी हो रहा
शिकायतों के समाधान के साथ-साथ सरकार इन शिविरों के माध्यम से राजकीय स्कूलों, अस्पतालों, आंगनबाड़ी केंद्रों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों का निरीक्षण भी करवा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जहां-जहां खामियां पाई जाएंगी, वहां त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुधार की प्रक्रिया केवल कागजों में नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए।
जनता से मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वे इन समाधान शिविरों में अवश्य पहुँचें और अपनी समस्याएं खुलकर रखें। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन शिविरों से न सिर्फ लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक प्रणाली में उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता भी बढ़ेगी।
‘सुशासन तिहार’ अभियान छत्तीसगढ़ सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक अभिनव प्रयास है। यह न केवल प्रशासन को जनता के करीब ला रहा है, बल्कि शासन प्रणाली में पारदर्शिता और संवेदनशीलता को भी बढ़ा रहा है। यदि यह अभियान इसी रफ्तार से और गंभीरता से आगे बढ़ता रहा, तो यह प्रदेश में एक नई सुशासन संस्कृति की नींव रख सकता है।
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