CGMSC Scam: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (CGMSC) एक बार फिर सुर्खियों में है। नया मामला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से जुड़ा है, जहां निर्माणाधीन जिला अस्पताल के लिए ठेकेदार को बिना स्टील सप्लाई किए ही करोड़ों का भुगतान कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ में सरकारी टेंडर और ठेकेदारी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस घोटाले ने सरकार और प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह भ्रष्टाचार को और बढ़ावा दे सकता है। क्या इस घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर यह भी एक और दफन मामला बनकर रह जाएगा? यह देखने वाली बात होगी।
आइए समझते हैं यह पूरा मामला विस्तार से –
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CGMSC Scam: क्या है पूरा मामला?
मोहला में प्रस्तावित 200 बेड के जिला अस्पताल का निर्माण शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गया है। जानकारी के अनुसार, CGMSC दुर्ग संभाग ने ठेकेदार को बिना सामग्री आपूर्ति के ही करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, 35.65 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अस्पताल के निर्माण कार्य का ठेका दल्ली राजहरा स्थित नाकोडा कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। CGMSC के अधीक्षक अभियंता अखिलेश तिवारी ने 10 फरवरी 2024 को जारी पत्र के माध्यम से कार्यपालन अभियंता को 4.86 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि स्वीकृत करने का आदेश दिया।
स्टील सप्लाई का घोटाला?
- CGMSC ने ठेकेदार को 925 टन स्टील के भुगतान के रूप में लगभग 5 करोड़ रुपये दो किश्तों में दे दिए।
- लेकिन मौके पर डंप किया गया स्टील 200 टन से भी कम बताया जा रहा है।
- यानी बिना पूरी सप्लाई के ही भुगतान कर दिया गया, जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
CGMSC की कार्यशैली पर सवाल
CGMSC पहले भी घोटालों के चलते चर्चा में रहा है। इस संस्थान में पहले भी कई अनियमितताएं सामने आई हैं और कुछ मामलों की जांच केंद्रीय स्तर पर चल रही है।
सूत्रों की मानें तो बड़े अधिकारियों की सीधा मुख्यमंत्री तक पहुंच होने के कारण इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
CGMSC Scam: टेंडर में भी गड़बड़ी की आशंका
यह मामला सिर्फ स्टील सप्लाई तक सीमित नहीं है, बल्कि टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं।
- अगस्त 2024 में जिला खैरागढ़, छुईखदान, गंडई और मोहला मानपुर चौकी जिलों के लिए अस्पताल निर्माण का टेंडर निकाला गया था।
- इस टेंडर में राम राजा मिनरल्स कंस्ट्रक्शन रायपुर, वीर प्रोजेक्ट रायपुर और नाकोडा कंस्ट्रक्शन ने भाग लिया था।
- लेकिन सूत्रों के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया से पहले ही राम राजा मिनरल्स और वीर प्रोजेक्ट को टेक्निकल गलती बताकर रिजेक्ट कर दिया गया।
- इस प्रकार, ठेका सीधा नाकोडा कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका और बढ़ जाती है।

CGMSC Scam: सरकार और प्रशासन की चुप्पी क्यों?
CGMSC से जुड़े कई मामलों में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस घोटाले के बाद भी सरकार और प्रशासन इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
ByNewsIndia.Com ने इस मामले पर CGMSC से जुड़े अधिकारियों और सम्बंधित ठेका फर्म के प्रतिनिधि से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन इनमें से किसी से भी संपर्क नहीं हो पाया।
बहरहाल, इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज इस रिपोर्ट के साथ संलग्न हैं।
CGMSC Scam: क्या होंगे अगले कदम?
- क्या राज्य सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाएगी?
- क्या ठेकेदार और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी?
- क्या इस घोटाले से जुड़े अन्य मामलों का खुलासा होगा?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे। लेकिन इतना तय है कि CGMSC एक बार फिर सवालों के घेरे में आ चुका है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।


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