RBI MPC Meeting 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, इस निर्णय का समर्थन एमपीसी के पांच सदस्यों ने किया, जबकि एक सदस्य ने इसके खिलाफ मतदान किया। यह निर्णय महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। इस बार भी नीतिगत दरों (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब आपके लोन की ईएमआई न बढ़ेगी और न ही घटेगी। बता दे कि यह लगातार 10वीं बार है जबकि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
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मौद्रिक नीति का रुख न्यूट्रल में बदला
ब्याज दरों को स्थिर रखने के साथ, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मौद्रिक नीति के रुख को “विड्रॉइंग अकोमोडेशन” से “न्यूट्रल” में बदल दिया है। यह बदलाव केंद्रीय बैंक को महंगाई के रुझानों के अनुसार ब्याज दरों को बेहतर तरीके से निर्धारित करने में सहायता करेगा। इस निर्णय का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना है।
जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर रखा है, लेकिन दूसरी तिमाही के लिए इसे घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। यह संशोधन आर्थिक वृद्धि के रुझानों को दर्शाता है और केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति निर्णयों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
चौथी तिमाही के लिए 7.4 प्रतिशत का अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए भी 7.4 प्रतिशत कर दिया है। पहले यह अनुमान क्रमशः 7.3 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत था। यह बदलाव आर्थिक विकास के संकेतक के रूप में महत्वपूर्ण है।
दूसरी तिमाही के लिए 7 प्रतिशत घटा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर रखा है, लेकिन दूसरी तिमाही के लिए इसे घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। यह संशोधन आर्थिक वृद्धि के रुझानों को दर्शाता है और केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति निर्णयों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।