Haryana: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता की हैट्रिक लगाई है, जबकि कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में असफल रही है। यह हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी दल ने तीन बार लगातार विधानसभा चुनाव जीते हैं। हालांकि, नायब सिंह सैनी की सरकार में मंत्री रहे कुछ नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। यह परिणाम भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरे हैं। सिर्फ 2 ही मंत्री चुनाव जीत पाए। जीतने वाले मंत्रियों में पानीपत ग्रामीण सीट से राज्यमंत्री महिपाल ढांडा और बल्लभगढ़ सीट से कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा शामिल हैं।
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कितने वोट से हारे मंत्री
हरियाणा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बावजूद, कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। ज्ञानचंद गुप्ता 1997 वोट से हारे, सुभाष सुधा 3243 वोट से हारे, संजय सिंह 75931 वोट से हारे, असीम गोयल 11131 वोट से हारे, कमल गुप्ता 31846 वोट से हारे, कंवर पाल 6868 वोट से हारे, जेपी दलाल 792 वोट से हारे, अभय सिंह यादव 6930 वोट से हारे और रणजीत सिंह चौटाला (निर्दलीय) को भी 7513 वोट से हार का मुंह देखना पड़ा।
अपनी साख नहीं बचा पाए CM सैनी के मंत्री
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पंचकूला विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा, अंबाला सिटी से असीम गोयल, थानेसर से सुभाष सुधा, नूंह से संजय सिंह, नांगल चौधरी से अभय सिंह यादव, जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर, लोहारू से जयप्रकाश दलाल, रानियां से रणजीत चौटाला, और हिसार से डॉ. कमल गुप्ता को भी हार मिली है। यह हार भाजपा के लिए एक चुनौती के रूप में उभरी है।
सिर्फ दो भाजपा मंत्रियों को मिली जीत
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो भाजपा मंत्रियों ने जीत हासिल की है। बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा ने चुनाव जीता, जबकि पानीपत ग्रामीण से महिपाल ढांडा ने भी जीत दर्ज की है। अन्य कई मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को हार का सामना करना पड़ा है, जो पार्टी के लिए एक चुनौती पेश कर रहा है।
बीजेपी ने जीती 48 सीटें, कांग्रेस के खोते में 37
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 37, आईएनएलडी गठबंधन को दो और अन्य के खाते में तीन सीटें आईं। पहले के एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत का अनुमान लगाया गया था, लेकिन चुनाव परिणामों ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।