Banking Fraud: वित्तीय धोखाधड़ी पर शिकंजा कसने, लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए बैंक आइरिस (आंखों की पुतली) स्कैन के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से इस पर चर्चा की जा रही है। एक बैंक अधिकारी ने कहा, इस मुद्दे पर पिछले महीने एक बैठक में विचार-विमर्श किया गया था। यह विकल्प खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए लाया जा रहा है। उम्र बढ़ने पर बुजुर्गों की उंगलियों के निशान अलग हो जाते हैं, जिससे उन्हें सत्यापन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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चुनौतियों पर भी होगी चर्चा
हाल ही में एक 70 वर्षीय पेंशनभोगी महिला को बैंक से खाली हाथ लौटना पड़ा था, क्योंकि उसके अंगूठे के निशान बैंक के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते थे। बाद में भारतीय स्टेट बैंक ने महिला को पेंशन राशि मैन्युअल तरीके से जारी की। इस व्यवस्था को लागू करने में कई चुनौतियां भी हैं।
इन लोगों को होगी परेशानी
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले लोगों की आईरिस आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन में दिक्कतें आ सकती हैं। इसका कारण यह है कि ऑपरेशन के बाद पुतली की बनावट में फर्क आ सकता है। जिससे सत्यापन विफल हो सकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए पुनः नामांकन जैसे विकल्प तलाशे जा सकते हैं।
ऐसे काम करेगा नया सिस्टम
इसमें बैंक खाते को हाथों की अंगुलियों के अलावा आंखों की पुतलियों को स्कैन कर लिंक किया जाएगा। जब भी ग्राहक लेनदेन करेगा तो उसका आईरिस स्कैन किया जा सकता है। वर्तमान में आधार आधारित भुगतान सत्यापन के लिए फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल किया जाता है।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए करें ये 6 काम
आज के समय में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं डिजीटल युग में कई तरह के फ्रॉड सामने आ रहे हैं। आपकी छोटी-सी गलती और स्कैमर्स आपका बैंक अकाउंट कर सकते हैं। साइबर ठग आपके बैंक खाते में अलग-अलग तरीकों से सेंध लगाकर आपके पैसे चुरा सकते हैं। अपना अकाउंट डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य जरूर संवेदनशील जानकारी किसी से भी साझा न करें। इन उपायों को आजमाकर आप अपने बैंक अकाउंट को सुरक्षित रख सकते हैं।
- बैंक अकाउंट डिटेल्स साझा करने से बचें
- ट्रांजेक्शन पर रखें नजर
- बैंक के सुविधाओं का उठायें लाभ
- जॉब ऑफर्स को लेकर रहें सतर्क
- सही नंबर को करें अकाउंट से लिंक
- ओटीपी न करें साझा