Neelam stone benefits: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को बहुत महत्व दिया गया है। शनिदेव कर्म के देवता कहलाते हैं। मान्यता है कि अगर व्यक्ति को अपने जॉब या व्यापार में सफलता हासिल करनी है तो कुंडली में शनि को मजबूत करना बहुत जरूरी है। वहीं वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह से संबंधित नीलम रत्न को धारण करने के भी बहुत फायदे बताए गए हैं। इसे ब्लू सैफायर भी कहा जाता है। आइए जानते हैं नीलम रत्न किस राशि के लोगों को पहनना चाहिए और इसके लाभ…
किन राशि वालों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए। इसके साथ ही अगर जातक की कुंडली में शनि पंचम, नवम और दशम भाव में उच्च स्थिति में विराजमान हों तो भी नीलम पहना जा सकता है।
नीलम रत्न के फायदे-
रत्न शास्त्र कहता है कि नीलम रत्न आपको नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। इसके अलावा नीलम रत्न धारण करने से जातक की कार्यक्षमता बेहतर होती है और सोचने-समझने की शक्ति का विकास होता है। शनि ग्रह से संबंधित ये नीला रत्न हमें शनि के दुष्प्रभावों और साढ़ेसाती से सुरक्षा देता है।
नीलम रत्न कैसे पहनें?
नीलम रत्न धारण करने के तुरंत बाद अपना प्रभाव दिखाता है। विद्वानों के अनुसार सवा 5 से सवा 7 रत्ती का नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे पंचधातु की अंगूठी में शाम के समय शनिवार को पहनना चाहिए। अंगूठी में नीलम रत्न जड़वाकर पहनने से पहले इसे गंगाजल, दूध, शहद और केसर के घोल में डालकर 15 मिनट के लिए रख दें। इसके बाद हाथ जोड़कर शनि देव की आराधना करें। फिर अंगूठी को निकालकर गंगाजल से धोएं। नीलम रत्न पहनने के बाद शनि ग्रह से संबंधित चीजों का दान ब्राह्मण को करना चाहिए।