Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। पादरा के पास एक पुल गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 अन्य लोग घायल हो गए हैं। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुल के गिरने से कई वाहन नदी में गिर गए, जिसमें ट्रक, इको, पिकअप और बाइक शामिल थीं।
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Bridge Collapse: पीएम मोदी ने जताया शोक, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, इस हादसे में जान गंवाने वालों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। मैं उन सभी परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस हादसे में खोया है। प्रधानमंत्री ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। इसके साथ ही पीएम ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
Bridge Collapse: हादसा सुबह 7 बजे के करीब हुआ
यह हादसा बुधवार सुबह 7 से 7:30 बजे के बीच हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल गिरने से तीन ट्रक, दो इको, एक रिक्शा, एक पिकअप और दो बाइक नदी में गिर गए। नदी में गिरने से सभी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग फंस गए। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ तैनात
हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए 20 से अधिक फायर ब्रिगेड कर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें, 2 फायर बोट, 3 फायर टेंडर, 10 से अधिक एम्बुलेंस और 5 से अधिक मेडिकल टीम तैनात की गई हैं। जिला कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 9 घायल हुए हैं जिन्हें पादरा सीएचसी और वडोदरा एसएसजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Bridge Collapse: राहत कार्य में आ रही मुश्किलें
रेस्क्यू टीम नदी में फंसे वाहनों और लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है, लेकिन नदी में पानी कम होने और भारी कीचड़ की वजह से बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। पानी में गिरे ट्रकों और अन्य वाहनों को रस्सी और क्रेन की मदद से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।
Bridge Collapse: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मांगी रिपोर्ट
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य तेज करने और हादसे की विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुल के गिरने के कारणों की जांच के लिए पुल डिजाइन टीम और विशेषज्ञों को मौके पर भेजने का आदेश दिया है।
हादसे की जांच के आदेश, डिजाइन में खामी की आशंका
हादसे के बाद पुल के गिरने के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, बारिश और भारी ट्रैफिक के चलते पुल की संरचना कमजोर हो गई थी, जिससे यह हादसा हुआ। मुख्यमंत्री ने पुल के डिजाइन और निर्माण की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
घटनास्थल पर पहुंचे विधायक और अधिकारी
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक चैतन्य सिंह झाला, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य की निगरानी की। अधिकारियों ने मौके पर मौजूद लोगों से संयम बनाए रखने और रेस्क्यू टीम को सहयोग करने की अपील की।
मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन
सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। प्रशासन ने कहा है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और घायलों का मुफ्त इलाज कराया जाएगा। हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भी देखने को मिला। उनका कहना है कि पुल की स्थिति पहले से खराब थी, फिर भी प्रशासन ने समय रहते मरम्मत नहीं कराई। लोगों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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