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Wednesday, July 2, 2025
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BALCO Chimney Collapse: चिमनी हादसे में पुलिस जांच पर उठे सवाल, बालको प्रबंधन को बचाने की कोशिश पर कोर्ट ने जताई नाराजगी; नगर निगम और TCP ने भी किया अनदेखा?

BALCO Chimney Collapse 2009: बालको चिमनी हादसे में पुलिस जांच पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की। 250 मी ऊंची चिमनी बनी, लेकिन नगर निगम और TCP रहे अनजान। जानें पूरा मामला।

BALCO Chimney Collapse 2009: कोरबा (छत्तीसगढ़)। वर्ष 2009 में बालको प्लांट में हुए दर्दनाक चिमनी हादसे को लेकर अब नए सवाल खड़े हो रहे हैं। हादसे में 40 मजदूरों की जान गई थी, लेकिन पुलिस जांच और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर कोर्ट में गंभीर बहस छिड़ गई है। सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस की जांच पर कड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा कि आखिर 250 मीटर ऊंची चिमनी के निर्माण को नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) विभाग ने कैसे अनदेखा कर दिया?

अब सवाल उठता है कि जब इतनी ऊंची चिमनी बनाई जा रही थी, तो क्या नगर निगम और TCP विभाग इस पूरे मामले से अनजान थे? या फिर जानबूझकर इसे नजरअंदाज किया गया? क्या इस हादसे के पीछे कोई बड़ा भ्रष्टाचार छिपा हुआ है? अदालत में हुई सुनवाई से इन सभी सवालों पर बहस तेज हो गई है और अब पुलिस की भूमिका पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गई है।

BALCO Chimney Collapse: कोर्ट में उठे सवाल
बालको को क्यों नहीं बनाया आरोपी?

23 सितंबर 2009 को बालको प्लांट में निर्माणाधीन चिमनी गिरने से 40 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसे की जांच में बालको प्रबंधन को पूरी तरह बचाने का आरोप लग रहा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि पुलिस ने SEPCO, GDCL और अन्य ठेका कंपनियों को तो आरोपी बनाया, लेकिन बालको के किसी भी शीर्ष अधिकारी पर मुकदमा दर्ज नहीं किया। जब अदालत ने पुलिस से पूछा कि BALCO के चेयरमैन का नाम क्या है, तो विवेचक ने चौंकाने वाला जवाब दिया – “हमें नहीं पता!”

इससे साफ हो गया कि या तो जांच में गहरी खामियां हैं, या फिर बालको प्रबंधन को बचाने की कोशिश हो रही है।

BALCO Chimney Collapse: चिमनी निर्माण पर नगर निगम और TCP की अनदेखी

इतनी ऊंची चिमनी बनाने के लिए नियमानुसार नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) विभाग से स्वीकृति लेनी होती है, लेकिन इस मामले में दोनों ही विभागों ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया।

तो क्या इन विभागों ने जानबूझकर इस निर्माण को नजरअंदाज किया या फिर कोई बड़ा भ्रष्टाचार हुआ?

BALCO Chimney Collapse: कंपनी की अजीब दलील- बिजली गिरने से हादसा हुआ!

कोर्ट में चिमनी बनाने वाली कंपनी ने बचाव में यह दलील दी कि तेज बारिश और बिजली गिरने की वजह से चिमनी ढही। हालांकि, अदालत ने इस दलील को पूरी तरह से खारिज कर दिया। NIT रायपुर की जांच रिपोर्ट पहले ही साबित कर चुकी है कि चिमनी के निर्माण में लापरवाही बरती गई थी।

पुलिस जांच पर कोर्ट की नाराजगी

कोर्ट ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाए:
– आखिर बालको प्रबंधन को क्यों नहीं आरोपी बनाया गया?
– नगर निगम और TCP विभाग से क्या जांच हुई?
– हादसे के बाद बालको ने क्या कार्रवाई की?
– पुलिस को अब तक BALCO के चेयरमैन का नाम क्यों नहीं पता?

पुलिस इनमें से किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई, जिससे अदालत और भी नाराज हो गई।

अब आगे क्या?

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पुलिस को BALCO प्रबंधन पर भी जांच करनी होगी।
अगर लापरवाही साबित हुई, तो BALCO के CEO समेत वरिष्ठ अधिकारियों पर केस दर्ज हो सकता है।
नगर निगम और TCP विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो सकती है।


बालको चिमनी हादसा सिर्फ एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बनता जा रहा है। पुलिस की जांच पर सवाल खड़े होने के बाद अब यह मामला और गंभीर हो गया है। आने वाले दिनों में कोर्ट इस पर कोई बड़ा फैसला ले सकता है, जिससे BALCO प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।


बालको चिमनी हादसा: कोर्ट का विस्तृत आदेश, देखें यहां –

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